जीएसटी में बड़े बदलाव 2025: नई दो स्लैब व्यवस्था से क्या सस्ता और क्या महंगा होगा, जानें आम जनता पर असर

NEW DELHI: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों में ऐतिहासिक बदलाव किए गए। चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) की जगह अब दो मुख्य स्लैब – 5% और 18% लागू होंगे। आवश्यक वस्तुओं पर 0% और लग्जरी व ‘सिन’ गुड्स (तंबाकू, एरेटेड ड्रिंक्स) पर 40% की नई दरें होंगी। ये बदलाव 22 सितंबर 2025 से, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे। इसे ‘जीएसटी 2.0’ कहा जा रहा है, जो आम आदमी की जेब को राहत देने, उपभोग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का लक्ष्य रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे आम जनता, किसानों और मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद बताया।

जीएसटी स्लैब में क्या बदलाव हुए? (GST Slab Changes 2025)

पुरानी व्यवस्था: पहले चार स्लैब – 5%, 12%, 18% और 28% थे, जिससे वर्गीकरण जटिल था और विवाद बढ़ते थे।

नई व्यवस्था: अब दो मुख्य स्लैब – 5% (मेरिट गुड्स) और 18% (स्टैंडर्ड रेट)। 12% और 28% स्लैब खत्म। आवश्यक वस्तुओं पर 0% और लग्जरी/सिन गुड्स पर 40% टैक्स।

लगभग 99% 12% वाली वस्तुएं अब 5% में, और 90% 28% वाली वस्तुएं 18% में शिफ्ट। औसत जीएसटी दर घटकर 9.5% होगी।
तंबाकू उत्पादों पर फिलहाल 28% + सेस जारी, लेकिन भविष्य में 40% में शामिल हो सकते हैं।

क्या सस्ता होगा? (GST Rate Cut 2025: Items Getting Cheaper)

जीएसटी में कटौती से रोजमर्रा की कई वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी। यहां प्रमुख वस्तुओं की सूची है:

खाद्य पदार्थ और डेयरी (Affordable Food Items):

– यूएचटी मिल्क, चेना/पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती/रोटी: पुरानी दर 5-12%, नई दर 0%।
  – बटर, घी, चीज, डेयरी स्प्रेड, नमकीन: पुरानी दर 12-18%, नई दर 5%।
  – पैकेज्ड फूड (भुजिया, सॉस, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स): पुरानी दर 18%, नई दर 5%।
  – सूखे फल (बादाम, पिस्ता, काजू, खजूर): पुरानी दर 12-18%, नई दर 5%।
  – चीनी, रिफाइंड शुगर, कन्फेक्शनरी: पुरानी दर 12%, नई दर 5%।

व्यक्तिगत देखभाल और घरेलू सामान (Personal Care Savings):

– हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप, टूथब्रश, शेविंग क्रीम: पुरानी दर 18%, नई दर 5%।
  – फीडिंग बॉटल, बेबी नैपकिन, क्लिनिकल डायपर: पुरानी दर 12-18%, नई दर 5%।
  – सिलाई मशीन और पार्ट्स: पुरानी दर 12-18%, नई दर 5%।

चिकित्सा और स्वास्थ्य (Healthcare Cost Reduction):

– लाइफ-सेविंग ड्रग्स, कैंसर दवाएं, रेयर डिजीज मेडिसिन: पुरानी दर 5-18%, नई दर 0%।
  – थर्मामीटर, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स: पुरानी दर 12-18%, नई दर 5%।
  – चश्मे (करेक्शन स्पेक्टेकल्स): पुरानी दर 28%, नई दर 5%।
  – 33 जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी पूरी तरह हटाई गई।

कृषि और अन्य (Agricultural Support):

  – ट्रैक्टर टायर, पार्ट्स, ट्रैक्टर, बायो-पेस्टिसाइड्स, माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम: पुरानी दर 12-18%, नई दर 5%।
  – रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइस: पुरानी दर 12%, नई दर 5%।

उपभोक्ता ड्यूरेबल्स और वाहन (Consumer Goods Price Drop):

  – एयर कंडीशनर, टीवी (32 इंच से ऊपर), फ्रिज, वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर: पुरानी दर 28%, नई दर 18%।
  – मोबाइल फोन, कंप्यूटर, प्रिंटर: पुरानी दर वैरियस, नई दर 18%।
  – छोटी कारें (पेट्रोल/हाइब्रिड <1200cc, डीजल <1500cc), मोटरसाइकिल (<350cc), बस, ट्रक, एम्बुलेंस, थ्री-व्हीलर: पुरानी दर 28%, नई दर 18%।
  – ऑटो पार्ट्स: यूनिफॉर्म 18%

सीमेंट: पुरानी दर 28%, नई दर 18%। पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर (बिना चीनी): पुरानी दर 18%, नई दर 5%।

क्या महंगा होगा? (GST Rate Hike 2025: Expensive Items)

कुछ लग्जरी और ‘सिन’ गुड्स पर टैक्स बढ़ा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं:

सिन गुड्स (Sin Goods Tax Increase):

– एरेटेड वाटर (चीनी/फ्लेवर वाली), कार्बोनेटेड बेवरेज, कैफीनेटेड ड्रिंक्स, नॉन-एल्कोहॉलिक बेवरेज: पुरानी दर 28%, नई दर 40%।
 – पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, च्यूइंग टोबैको, बीड़ी: पुरानी दर 28% + सेस, नई दर 40% (कुछ पर सेस जारी)।
 – स्मोकिंग पाइप: पुरानी दर 18-28%, नई दर 40%।

लग्जरी आइटम्स (Luxury Goods Price Hike):

– मोटरसाइकिल (>350cc), पर्सनल यूज एयरक्राफ्ट, यॉट्स, रिवॉल्वर/पिस्टल: पुरानी दर 28%, नई दर 40%।
  – हेलिकॉप्टर: नई दर 40%।
कोयला: पुरानी दर 5%, नई दर 18% (बिजली और अन्य सेक्टर पर असर)।

आम जनता पर क्या पड़ेगा असर? (Impact on Common Man)

सकारात्मक असर (Benefits of GST Changes):

– रोजमर्रा की वस्तुओं (खाद्य पदार्थ, व्यक्तिगत देखभाल, स्वास्थ्य, ड्यूरेबल्स) पर टैक्स कम होने से कीमतें घटेंगी, जिससे आम आदमी, किसान और मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी।
  – उपभोग बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। अनुमानित राजस्व नुकसान 93,000 करोड़ रुपये है, लेकिन बढ़ते कंजम्प्शन से भरपाई संभव।
  – लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर 0% जीएसटी से स्वास्थ्य सुरक्षा सस्ती होगी।
  – सरलीकृत स्लैब से टैक्स अनुपालन आसान होगा और विवाद कम होंगे।

नकारात्मक असर (Drawbacks of GST Hike):

– सिन गुड्स (तंबाकू, एरेटेड ड्रिंक्स) महंगे होने से आदत वाले लोगों पर बोझ बढ़ेगा, हालांकि यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
  – कोयला महंगा होने से बिजली बिल थोड़े बढ़ सकते हैं।
  – पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने राजस्व में 10-12% कमी की आशंका जताई।

Exit mobile version