LUCKNOW: विवेकानंद पॉलीक्लिनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान (Vivekananda Hospital) और उत्तर प्रदेश नेडा (UPNEDA) के संयुक्त तत्वावधान में “फेफड़े एवं नसों के रोग” विषय पर स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में निदेशक इंद्रजीत सिंह (IAS) की उपस्थिति में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त थोरेसिक सर्जन (Thoracic Surgeon) डॉ. भवतोष विश्वास ने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने और संयमित जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया।
संयमित जीवनशैली ही सेहत का आधार : डॉ. भवतोष
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. भवतोष विश्वास ने कहा कि स्वस्थ रहने की पहल इंसान को खुद करनी चाहिए। सादा खान-पान और संयमित जीवन जीने से हृदय और फेफड़े दोनों अंग लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे शरीर के छोटे-छोटे लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, क्योंकि कई बार यही गंभीर बीमारियों का संकेत होते हैं।
डॉ. भवतोष ने आगाह किया कि लगातार खांसी बने रहना या सांस लेने में तकलीफ़ होना फेफड़ों की गंभीर बीमारियों, यहां तक कि लंग कैंसर का लक्षण हो सकता है। छाती में ट्यूमर या सिस्ट बनने के मामले भी आम होते जा रहे हैं, इसलिए समय पर विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद जरूरी है।
लक्षणों की अनदेखी से बढ़ता खतरा
डॉ. विश्वास ने कहा कि हृदय और फेफड़े की बीमारियां अक्सर शुरुआती चरण में पहचान नहीं पातीं और देर से उपचार शुरू होने पर मरीज की जान को खतरा हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि लोग अपने शरीर के संकेतों को समझें और चिकित्सीय सलाह लेने में देर न करें।
कार्यशाला के दौरान यूपी नेडा के निदेशक इंद्रजीत सिंह (IAS) ने डॉ. भवतोष विश्वास से औपचारिक मुलाकात कर चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की। इस अवसर पर डॉ. विश्वास ने रामकृष्ण मिशन लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथनंद का आभार जताते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए विवेकानंद हॉस्पिटल में निशुल्क स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
स्वास्थ्य कार्यशाला में वरिष्ठ परियोजना अधिकारी राजेश सिंह, पंकज सिंह, एस. रहमानी समेत विभाग के तमाम अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।