भारत

दिक्‍कतों को दूर किए बिना डिजिटाइजेशन का बना दबाव तो ‘ऑनलाइन काम’ छोड़ देंगे गुरुजी

डिजिटाइजेशन व्यवस्था को लागू करने का अधिकारी बना रहे दबाव, एआरपी ने कहा हम छोड़ देंगे पद, डिजिटाइजेशन व्यवस्था के खिलाफ एकजुट सभी शिक्षक व एआरपी संगठन

रायबरेली। बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों की तरफ से जबरदस्ती और वेतन रोकने धमकी देकर थोफे जा रही डिजिटाइजेशन के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। एक ही बैनर तले एकत्रित होकर जिले के 10 शिक्षक संगठनों ने कहा कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक हम लोग ऑनलाइन काम नहीं करेंगे। एआरपी ने कहा कि हम लोग त्यागपत्र देकर सिर्फ शैक्षणिक काम करेंगे।

शिक्षक संगठनों की सूर्या होटल में हुए बैठक में शिक्षकों ने एक सुर में कहा अगर हम लोगों पर अधिकारी टैबलेट्स पर मैपिंग का जबरदस्ती वेतन रोकने की धमकी देकर दबाव बनाएंगे तो फिर हम लोग भी बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली से काम करेंगे। सभी प्रधानाध्यापक, एआरपी और शिक्षक संकुल सारे एप्स को मोबाइल से डिलीट करके और वाट्सएप ग्रुप्स को छोड़कर सिर्फ पढ़ाने का काम करेंगे।

बता दें विभाग डिजिटाइजेशन व्यवस्था में शिक्षकों की समस्याओं को नजरंदाज करते हुए लागू करने जा रहा है। जिसके कारण जनपद के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कार्मिक स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा और रोष व्याप्त है। जिले कई खण्ड शिक्षाधिकारियों ने पत्र जारी करके कहा है कि 23 जनवरी तक अगर टैबलेट्स पर सारे रजिस्टर की ऑनलाइन मैपिंग नहीं की गई तो फिर शिक्षकों का वेतन रोक दिया जाएगा

अधिकारियों की तरफ से वेतन रोकने का पत्र जारी करके जबरदस्ती दबाव बनाए जाने के विरोध में सोमवार को सूर्या होटल में उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उर्दू शिक्षक संघ, एस0सी0एस0टी0 शिक्षक संघ, आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन, प्राथमिक शिक्षामित्र संघ, अनुदेशक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें सभी ने कहा कि अधिकारियों का यह दबाब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी हम पर दबाव बनाएंगे तो हम लोग भी सभी ऑनलाइन कामों को छोड़कर विरोध करने लगेंगे।

जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने कहा कि डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था शोषणकारी है, इसमें शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को आये दिन शोषित होना होगा, जिससे भय व असुरक्षा के वातावरण में शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा। शिक्षकों ने निर्णय लिया है कि हम लोग सारे ऑनलाइन कामों को बंद कर देंगे।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में “हाफ डे लीव” का प्राविधान की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक उस अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया है। आरएसएम के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इंचार्ज प्रधानाध्यापक अपना पद छोड़कर सिर्फ अब अध्यापन का ही काम करेंगे। डीपीए के महामंत्री अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि अधिकारियों के दबाव पर हम लोग भी सिर्फ और सिर्फ पढ़ाने का काम करेंगे। सारे ऐप को डिलीट करते हुए विभाग के सभी ग्रुप्स को भी छोड़ दिया जाएगा। सिर्फ विभाग के नियमों के हिसाब से ही काम किया जाएगा।

उर्दू शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मोइनुल हक ने कहा कि कैशलेस चिकित्सा का लाभ राज्य कर्मचारियों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को भी प्रदान किया जाए। शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष अजित सिंह और अजय प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी प्रतिवर्ष 31 अर्जित अवकाश प्रदान किया जाएं। बैठक का संचालन प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय सिंह ने किया।

इस मौके पर सुनील यादव, संजय कनौजिया, गौरव युवराज, सुनील मौर्य, दिनेश, मेराज, मधुकर सिंह, उमाशंकर, महेश कश्यप, शिवबालक, बलवंत सिंह, मो. वसी, नफीस, शिव कुमार सिंह, सुरेश सिंह, जयकरन सिंह, हरिकेश यादव, अनुराम मिश्रा सहित दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button