2 करोड़ से अधिक बच्चों को मिलेगा ‘दृष्टि और रक्षा’ का सुरक्षा कवच

Lucknow: बच्चों को अंधेपन (Blindness) से बचाने के लिए प्रदेश में बुधवार से विटामिन-ए सम्पूरण कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। 9 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान में नौ माह से पाँच वर्ष तक के 2.6 करोड़ से अधिक बच्चों को विटामिन-ए (Vitamin A) की खुराक देकर उन्हें दृष्टि और सुरक्षा का कवच दिया जाएगा।
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता (Dr Ajay Gupta) ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को रतौंधी, अंधापन, कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता और कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं से बचाना है। यह अभियान हर साल दो बार आयोजित किया जाता है और यह इस साल का पहला चरण है।
महाप्रबन्धक, नियमित टीकाकरण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डा. मनोज कुमार शुक्ल ने बताया कि नौ माह से पांच साल तक की आयु 2.6 करोड़ बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने का लक्ष्य है जिसमें 9 से 12 माह के 29 लाख 24 हजार 590 बच्चे, एक से दो साल के 55 लाख 91 हजार 900 बच्चे और दो से पांच साल के 1 करोड़ 76 लाख 35 हजार 567 बच्चे हैं।
पिछले वर्ष इस कार्यक्रम के तहत 93.54% लक्ष्य हासिल किया गया, जो बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा में बड़ी उपलब्धि रही। वही राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के अनुसार, NFHS-4 में प्रदेश के 44% बच्चों ने विटामिन-ए की खुराक ली थी, जबकि NFHS-5 में यह आंकड़ा बढ़कर 74% हो गया है, जो कि राष्ट्रीय औसत (71.2%) से भी बेहतर है। डॉ. गुप्ता ने यह भी बताया कि यदि कोई बच्चा मीजल्स-रूबेला (MR-1 या MR-2) की खुराक से वंचित है, तो इस अवसर पर उसे वह खुराक भी दी जाएगी।
विटामिन-ए की कमी से होने वाली समस्याएं:
•रतौंधी और अंधापन
•रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी
•गंभीर व दीर्घकालिक बीमारियाँ
•कुपोषण और मृत्यु दर में वृद्धि
विटामिन-ए के फायदे:
• आँखों की रोशनी की रक्षा
• कुपोषण से बचाव
• बीमारियों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि