भारत

नीतीश कुमार ने फिर मारी पलटी, तेजस्वी को झटका देकर फिर बीजेपी के साथ

बिहार में तेज़ी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को झटका देते हुए पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।

रविवार सुबह 11 बजे नीतीश राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को इस्तीफ़ा सौंप दिया. इसके साथ ही नीतीश कुमार ने गठबंधन से अलग होने का भी ऐलान किया.

इसके बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा, “मैंने इस्तीफ़ा दे दिया है और अब सरकार ख़त्म हो गई। हमने लोगों और पार्टी की राय सुनी, उसके बाद यह फ़ैसला लिया।”

उन्होंने कहा, “हम पहले के सहयोगियों से अलग होकर नए गठबंधन में गए थे. बाक़ी दल साथ देंगे तो सोचेंगे. अगर कुछ होगा तो आपको पता चल जाएगा.”

गौरतलब है कि पिछले एक हफ्ते से गठबंधन के टूटने और नीतीश के बीजेपी से जुड़ने की अटकलें चल रही थी।

उधर बिहार राजभवन ने नीतीश के इस्तीफ़े की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, “माननीय राज्यपाल ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का त्यागपत्र स्वीकार किया तथा वैकल्पिक व्यवस्था होने तक उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने को कह।.”

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>माननीय राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर <a href=”https://twitter.com/rajendraarlekar?ref_src=twsrc%5Etfw”>@rajendraarlekar</a> से मिलकर माननीय कार्यवाहक मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जद यू, भाजपा एवं हम के नेताओं तथा एक निर्दलीय विधायक ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। <a href=”https://t.co/zytexFAbHj”>pic.twitter.com/zytexFAbHj</a></p>&mdash; Raj Bhavan, Bihar (@GovernorBihar) <a href=”https://twitter.com/GovernorBihar/status/1751511544909750417?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 28, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

नीतीश कुमार का अब तक का राजनीतिक जीवन ‘यू टर्न’ लेते रहने और अपने हित की राजनीति करने का गवाह रहा है। इसी कारण उनका नाम पलटू राम पड़ गया है।

उधर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि RJD नेता तेजस्वी यादव ने JDU अध्यक्ष नीतीश कुमार के इस्तीफे पर कहा, “…मैं एक बात स्पष्ट रूप से कह दूं अभी खेल शुरु हुआ है, अभी खेल बाकी है… मैं जो कहता हूं वह करता हूं। आप लिखकर ले लीजिए JDU पार्टी  2024 में ही खत्म हो जाएगी…”

<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″><p lang=”hi” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> पटना: RJD नेता तेजस्वी यादव ने JDU अध्यक्ष नीतीश कुमार के इस्तीफे पर कहा, &quot;…मैं एक बात स्पष्ट रूप से कह दूं अभी खेल शुरु हुआ है, अभी खेल बाकी है… मैं जो कहता हूं वह करता हूं। आप लिखकर ले लीजिए JDU पार्टी 2024 में ही खत्म हो जाएगी…&quot; <a href=”https://t.co/KclCjcUkwy”>pic.twitter.com/KclCjcUkwy</a></p>&mdash; ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1751557631469318391?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 28, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

नीतीश का राजनीतिक सफर

नीतीश कुमार का जन्म पटना से सटे बख़्तियारपुर में एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार में 1 मार्च 1951 को हुआ था। बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले नीतीश कुमार का झुकाव हमेशा राजनीति की ओर ही रहा।

नीतीश ने राजनीति की शुरूआत लालू प्रसाद यादव और जार्ज फ़र्नांडिस की छत्रछाया में की लेकिन अपनी अलग जगह बनाने के लिए राजनीति में क़रीब पांच दशक बिता चुके नीतीश कुमार अपनी सहूलियत के हिसाब से दल और गठबंधन बदलते रहे।

नीतीश ने 1974 से 1977 के बीच जय प्रकाश नारायण के आंदोलन में हिस्सा लिय। उन्होंने सत्येंद्र नारायण सिन्हा के नेतृत्व वाली जनता पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।

नीतीश पहली बार 1985 में हरनौत सीट से विधायक चुने गए । इस दौर में वो बिहार में विपक्ष में बैठे लालू प्रसाद यादव के सहयोगी थे।

पहले समता पार्टी, फिर बीजेपी

नीतीश लगा कि बिहार में समता पार्टी अकेले अपने दम पर मज़बूती से नहीं लड़ सकती है। साल 1996 में उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया।

नीतीश पहली बार 1989 में सांसद बने और 1998 से 2001 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अलग-अलग विभागों के केंद्रीय मंत्री भी रहे।

इसके बाद 2001 से 2004 के बीच वाजयेपी की सरकार में रेलवे मंत्री रहे.

इसी बीच साल 2000 में 3 मार्च से 10 मार्च के बीच नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री भी बने।. मुख्यमंत्री का पद भले ही नीतीश कुमार को सिर्फ़ सात दिनों के लिए मिला हो, लेकिन उन्होंने अपने आप को लालू प्रसाद यादव के ख़िलाफ़ एक मज़बूत विकल्प के रूप में ज़रूर पेश कर दिया था।

2004 तक केंद्र में मंत्री रहने वाले नीतीश 2005 में फिर राज्य की राजनीति में लौटे और मुख्यमंत्री बने।

पिछले लगभग 19 सालों में 2014-15 में दस महीनों के जीतनराम मांझी के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहे हैं।

हालांकि इस दौरान नीतीश कुमार अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने गठबंधन सहयोगी बदलते रहे और लगातार अपने फायदे के हिसाब से पलटी मारते रहे।

1996 में नीतीश ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया. बीजेपी के साथ नीतीश का ये गठबंधन साल 2013 तक रहा. नीतीश ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और बिहार की सत्ता पर ख़ुद को जमा लिया.

बिहार की राजनीति में बीजेपी और नीतीश का साथ 17 साल तक रहा.

नीतीश ने बीजेपी से पहली बार अलग राह तब पकड़ी जब साल 2014 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया.

17 साल बाद बीजेपी से हुए दूर, फिर आए पास

मोदी का विरोध करते हुए नीतीश बीजेपी से अलग हो गए और 2014 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा।

लेकिन पिछली लोकसभा में 20 सांसदों वाली जदयू सिर्फ़ दो सीटों तक सिमट गई। चुनाव में निराशाजनक नतीजों के बाद नीतीश ने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया।

2015 में नीतीश ने राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा और गठबंधन को भारी बहुमत मिला। नीतीश एक बार फिर मुख्यमंत्री बने और तेजस्वी यादव उनके डिप्टी सीएम।

लेकिन महागठबंधन दो साल ही चला और नीतीश ने 2017 में महागठबंधन से नाता तोड़ बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बनाई और बीजेपी नेता सुशील मोदी उनके डिप्टी सीएम बने।

2020 में नीतीश ने बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा और सत्ता में वापसी की हालांकि जदयू की सीटें बीजेपी से कम रही।. बीजेपी को 74 सीटें मिलीं थीं और जदयू को सिर्फ़ 4 लेकिन राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद, नीतीश मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button