जूनियर इंजीनियर संगठन का वार्षिक अधिवेशन
Lucknow: पावर कारपोरेशन अध्यक्ष आशीष गोयल (Power Corporation Chairman Ashish Goyal) ने कहा कि मैं यहां केवल आपको सुनने में अच्छी लगने वाली बातें रखने के लिए नहीं आया हूं बल्कि वर्तमान में कॉरपोरेशन की स्थिति और उसकी चुनौतियों के बारे में भी बताने आया हूं। अब आगे का भविष्य आईटी का है और हम सब लोगों को यह बात समझ लेनी चाहिए और उसके लिए हमें अपनी तकनीकी दक्षता (Technical Efficiency) को बढ़ाना पड़ेगा, जिसके लिए कॉरपोरेशन द्वारा विशेष प्रयास किया जा रहा है जल्दी ही कार्मिकों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अध्यक्ष श्री गोयल राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन का 78वें वार्षिक महाधिवेशन के सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पावर कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति बहुत ही खराब है। घाटा लगभग 55,000 करोड़ रुपये है और इतना ज्यादा घाटा कोई भी सरकार बहुत लंबे समय तक नहीं उठा पाएगी। इसीलिए हम सबको घाटा कम करने का प्रयास करना पड़ेगा। अध्यक्ष ने आश्वासन भी दिया कि आपके संवर्ग की मांगों एवं समस्याओं पर आपके पदाधिकारीयों के साथ अलग से बैठकर चर्चा की जाएगी। हर जायज को अवश्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही अवर अभियंता से सहायक अभियंता एवं सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के पद पर प्रोन्नति कर दी जाएगी।
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संगठन का मांग पत्र रखते हुए केंद्रीय महासचिव बलवीर यादव (Central General Secretary Balveer Yadav) ने कहा कि वर्तमान प्रबंधन अवर अभियंता संवर्ग को प्रताडि़त करने के उद्देश्य से निर्णय ले रहा है जिस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए और नियम विरुद्ध आदेश वापस होने चाहिए। 4,800 ग्रेड वेतन को अवर अभियंता संवर्ग के लिए समाप्त कर देना चाहिए। संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अजय कुमार ने अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन से मांग की कि निलंबन से बहाली के बाद कारपोरेशन को समर्पित करने के आदेश का दुरपयोग हो रहा है। निचले स्तर पर प्रबंधन द्वारा अपने निजी मतभेदों की वजह से बदला लेने की प्रवृत्ति से अनावश्यक कार्रवाई की जा रही है। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।
उत्पीड़ात्मक कार्रवाइयों को रोका जाए
संगठन के संरक्षक इंजीनियर सतनाम सिंह (Patron of the organization Engineer Satnam Singh) ने कहा कि अवर अभियंता संवर्ग सदैव से प्रबंधन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। उन्होंने चेयरमैन से अनुरोध है कि जो उत्पीड़ात्मक कार्रवाई हो रही है उसको रोका जाए। साथ ही जो जायज मांगें हैं उन्हें उम्मीद है कि प्रबंधन उसको पूरा करेगा। आरके त्रिवेदी ने अध्यक्ष से कहा कि उत्तराखंड के पैटर्न पर 4,800 ग्रेड वेतन अवर अभियंता संवर्ग के लिए समाप्त कर दिया जाए। सिंगल विंडो व्यवस्था के तहत कार्य करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट किसी एक जिले में चालू किया जाए। तब इस संवर्ग की जिम्मेदारी तय की जाए। यदि कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आता तो जो चाहे वह कार्रवाई कर दें।
