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शिक्षक दिवस पर गुरुजनों ने सरकार से मांगी पुरानी पेंशन

रायबरेली। शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरुवार को गुरुजनों ने अमावां बीआरसी पर यूपीएस का विरोध जताते हुए सरकार से पुरानी पेंशन मांगी। काली बांधकर यूपीएस का विरोध करते हुए शिक्षकों ने कहा कि सरकार से हमें न ही एनपीएस चाहिए और न ही यूपीएस चाहिए, हमें सिर्फ और सिर्फ सरकार से अपने बुढ़ापे की लाठी के तौर पर ओपीएस यानि पुरानी पेंशन चाहिए।

बीआरसी प्रांगण में एकत्रित होकर यूपीएस का विरोध करते हुए सैकड़ों गुरुजनों ने सरकार से इस पेंशन को वापस लेते हुए हमारा स्वाभिमान कहीं जाने वाली पुरानी पेंशन दिलाए जाने की मांग की।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा, बुढ़ापे का सहारा माने जाने वाली पेंशन को अब ’नई पेंशन स्कीम’ (एनपीएस) की जगह पर ’यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (यूपीएस) के तौर पेश किया है। यह पेंशन हम कर्मचारियों के हित में बिल्कुल ही नहीं है। हम शिक्षकों के साथ ही अन्य कर्मचारी भी इस नई पेंशन व्यवस्था के खिलाफ पूरी तरह से उतर आए है।

ब्लॉक अध्यक्ष आरएसएम बृजेंद्र कुमार ने कहा कि कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद इस व्यवस्था में अपने जीवन के गुजर बसर के लिए परेशान हैं। वजह, एनपीएस में जो पेंशन दी जा रही थी, वह पर्याप्त नहीं थी।

शिक्षक घनश्याम और अब्दुल मन्नान ने कहा कि कुछ कर्मचारी नेताओं के साथ में मिलकर केंद्र सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल न कर नई पेंशन योजना ’यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (यूपीएस) लाने की घोषणा कर दी गई। अभी तक यूपीएस से जो जानकारी प्राप्त हुई है, उसके अनुसार, एनपीएस से भी ज्यादा खराब है।

टीचर्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) अमावां ब्लॉक संयोजक सतीश चौरसिया ने कहा कि सरकार की तरफ से नई पेंशन व्यवस्था जो लाने का प्रयास किया जा रहा है, यह पेंशन एनपीएस से भी खराब है।

सह संयोजक अश्वनी कनौजिया और चंद्रकांत त्रिपाठी ने कहा कि हमारा अगर कोई कर्मचारी साथी पूरी सर्विस के बाद जब सेवानिवृत्त होगा, उसे सरकार हमारे पैसे ही पेंशन देगी और सेवानिवृत्त के समय कोई भी फण्ड नहीं देगी; सरकार की तरफ से दी जा रही यह व्यवस्था पूरी तरह से गलत है।

इस मौके रामेश्वर, ओपी सिंह, रामभरत, संतन श्रीमौली, धर्मेंद्र राम, मो. जैकी, राम गोपाल, अखिलेश श्रीवास्तव, हरिकेश, प्रवेश यादव, विनोद यादव, रीता, कुसम मौर्य, प्रीति, संतोष कुमार, मो शारिक, आशीष, मनोज, कांति गुप्ता, लक्ष्मी साहू, हनी गुलाटी, पूनम रानी, अर्चना सिंह, सविता, प्रीमिला पाण्डेय, सरोज सोनकर, रजनी गुप्ता आदि शिक्षक मौजूद रहे।

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