मोदी सरकार देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है, सावधान रहें – रामगोविंद चौधरी
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पूर्व नेता प्रतिपक्ष उत्तरप्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला और एसबीआई द्वारा तथ्य छुपाने की कोशिश से यह साबित हो चुका है कि इलेक्टोरल बान्ड के माध्यम से मोदी सरकार ने भाजपा के लिए साढ़े छः हजार करोड़ से अधिक रुपए का भयादोहन किया है। इसी भयादोहन से आम आदमी का ध्यान हटाने के लिए सरकार सीएए के माध्यम से पूरे देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा है कि सरकार की यह कोशिश देश हित में नहीं है। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय को मोदी सरकार की इस कोशिश को भी स्वतः संज्ञान में लेना चाहिए और मोदी सरकार के उन सभी फैसलों की समीक्षा करनी चाहिए जो सन् 2024 के जनवरी, फरवरी और मार्च में लिए गए हैं।
बुधवार को अपने लखनऊ आवास पर जुटे पत्रकारों और समाजवादी साथियों से हुई बातचीत में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पूर्व नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि मोदी सरकार को चुना तो जनता ने था लेकिन वह काम केवल कारपोरेट जगत के हित में कर रही है।
इलेक्शन बांड के माध्यम से भयादोहन इसका जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा है कि इस सरकार को रोका नहीं गया तो देश का सबकुछ कुछ लोगों के हाथ में चला जाएगा।
समाजवादी पार्टी के सचिव पूर्व नेता प्रतिपक्ष उत्तरप्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि मोदी सरकार ने जिस तरह से सीएए कानून को लागू किया है, उसी तरह से वह अपने कार्पोरेट मित्रों को और अधिक उपकृत करने के लिए कृषि के उन तीनों काले कानूनों को भी लागू करेगी जिसे जन दबाव की वजह से उसे वापस लेना पड़ा था। उन्होंने कहा है कि अपनी इसी मंशा के तहत इस समय पद बांट रही है और राज्य सरकारों को भी ताश के पत्ते की तरह फ़ेट रही है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पूर्व नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव की घंटी बजने वाली है। ऐसे समय में उस चुनाव आयुक्त का अचानक इस्तीफा जिसका चयन खुद मोदी सरकार ने किया था, कोई मामूली घटना नहीं है। इसे लेकर हर लोकतन्त्र समर्थक को सतर्क रहना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि अगला लोकसभा चुनाव काफी संवेदनशील है। इस चुनाव में किसी तरह की चूक हुई और ईवीएम या किसी प्रकार से यह सरकार वापस आई तो देश का यह अंतिम चुनाव होगा। इसलिए हम समजवादी साथियों को और अधिक सावधान रहने की जरूरत है।