बाढ़ प्रभावित इलाकों में बनेंगी चौकियां, तैनात होंगे डाक्टर

Lucknow: संभावित बाढ़ (flood )के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड में डाल दिया है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिलों को बाढ़ से पहले, बाढ़ के दौरान और बाढ़ के बाद तीन चरणों में स्वास्थ्य सेवाओं की मुकम्मल तैयारी के निर्देश दिए हैं।
प्रत्येक बाढ़ संभावित क्षेत्र में अस्थायी चिकित्सा चौकियां (Medical checkpoints) स्थापित की जाएंगी, जहां प्रशिक्षित डॉक्टरों और स्टाफ की तैनाती की जाएगी। इन कर्मचारियों को बाढ़ के दौरान राहत और इलाज संबंधी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रत्येक जिले में 24 घंटे कार्यरत कंट्रोल रूम और नोडल अधिकारियों की तैनाती की जाएगी, जो चिकित्सा व्यवस्था की निगरानी करेंगे। साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट भी प्रभावित इलाकों में तैनात रहेंगी।
संक्रमण रोकने को विशेष इंतजाम
संभावित संक्रामक रोगों (infectious diseases) की रोकथाम के लिए हर जिले में क्लोरीन टैबलेट, ब्लीचिंग पाउडर और कीटनाशकों का पर्याप्त स्टॉक बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों को एंटी डायरियल, ओआरएस, बुखार, डिहाइड्रेशन, स्किन इंफेक्शन और सर्पदंश की दवाएं पहले से स्टॉक करने के लिए कहा गया है।
मंडल स्तर से होगी अस्थायी तैनाती
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों (flood affected areas) में मेडिकल स्टाफ की कोई कमी न रहे, इसके लिए संबंधित मंडल के अपर स्वास्थ्य निदेशकों को अस्थायी तैनाती का अधिकार दिया गया है। इसके साथ ही सभी जिलों को स्वास्थ्य सेवाओं की दैनिक रिपोर्ट भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं।
गर्भवती और बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था
प्रत्येक जिले में रैपिड रिस्पॉन्स टीम के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष चिकित्सा इंतजाम किए जाएंगे। राहत शिविरों और बाढ़ चौकियों में स्वास्थ्य टीमें चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेंगी।
संक्रामक रोगों की सटीक रिपोर्टिंग
बाढग़्रस्त गांवों में लोगों को यह जानकारी दी जाएगी कि उन्हें इलाज के लिए किस अस्पताल में जाना है। इसके लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं संक्रामक रोगों की रिपोर्टिंग के लिए राज्य स्तरीय टोल फ्री नंबर 18001805145 और ईमेल आईडी idspup@gmail.com को सक्रिय रखने के आदेश दिए गए हैं।