Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar 2025: वीर बाल दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू ने क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी सहित 20 बच्चों को किया सम्मानित

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘वीर बाल दिवस’ (Veer Bal Diwas) के ऐतिहासिक मौके पर देश के होनहार बच्चों को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025’ (Bal Puraskar 2025) से सम्मानित किया। विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 बच्चों को उनकी अदम्य साहस, कला, संस्कृति, नवाचार (Innovation) और खेल जैसे क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के लिए यह सम्मान दिया गया।

इन श्रेणियों में मिला सम्मान

इस वर्ष यह प्रतिष्ठित पुरस्कार वीरता (Bravery), समाज सेवा, पर्यावरण, खेल, कला एवं संस्कृति और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बच्चों को दिया गया है। पुरस्कार पाने वाले प्रत्येक बच्चे को पदक और प्रशस्ति पत्र के साथ नकद राशि देकर प्रोत्साहित किया गया।

क्रिकेट सनसनी वैभव सूर्यवंशी को पुरस्‍कार

पुरस्कार पाने वालों में बिहार के युवा क्रिकेट सेंसेशन वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) का नाम प्रमुखता से शामिल है। वैभव ने हाल ही में लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक लगाकर इतिहास रचा था। खेल श्रेणी में उन्हें यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया है। राष्ट्रपति से सम्मान पाने के बाद वैभव के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की है।

वीरता श्रेणी (Bravery Category)

1. व्योमा प्रिया (मरणोपरांत) –

तमिलनाडु कोयम्बटूर की 9 वर्षीय व्योमा प्रिया ने दूसरों की जान बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। अपने अपार्टमेंट के पार्क में खेल रहे एक छोटे बच्चे को बिजली की नंगी तार की चपेट में आने से बचाने के लिए व्योमा ने अपनी जान की परवाह नहीं की। उसने बच्चे को धक्का देकर सुरक्षित तो कर दिया, लेकिन खुद करंट की चपेट में आ गईं। यह पुरस्कार उनके माता-पिता ने नम आंखों से ग्रहण किया।

2. कमलेश कुमार (मरणोपरांत) – बिहार (Bihar)

कैमूर जिले के 11 वर्षीय कमलेश कुमार भी उन वीरों में शामिल हैं जिन्हें मरणोपरांत सम्मानित किया गया। कमलेश ने दुर्गावती नदी में डूब रहे एक बच्चे को बचाने के लिए छलांग लगा दी थी। उसने बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की और अपनी जान गंवा दी। उसकी बहादुरी को पूरा देश सलाम कर रहा है।

3. अजय राज – उत्तर प्रदेश

आगरा (Agra) के 9 साल के अजय राज की कहानी रोंगटे खड़े कर देने वाली है। जब उनके पिता चंबल नदी के किनारे थे, तब एक मगरमच्छ ने उन पर हमला कर दिया। अजय ने बिना डरे लाठी और पत्थरों से मगरमच्छ का मुकाबला किया और अपने पिता को मौत के मुंह से खींच लाए। उनकी सूझबूझ और साहस ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया।

4. मुहम्मद सिदान पी. – केरल

केरल के पलक्कड़ के रहने वाले 11 वर्षीय मुहम्मद सिदान पी. ने अपनी जान जोखिम में डालकर अपने दो दोस्तों को बिजली के करंट से बचाया। स्कूल बस का इंतजार करते समय उनके दोस्त बिजली के खंभे के संपर्क में आ गए थे। सिदान ने तुरंत लकड़ी की मदद से उन्हें अलग किया और उनकी जान बचाई।

5. सौरव कुमार – बिहार (Bihar)

बिहार के ही सौरव कुमार ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक गहरे तालाब में डूब रही तीन लड़कियों की जान बचाई। सौरव ने अपनी जान की परवाह किए बिना पानी में छलांग लगाई और एक-एक करके तीनों को सुरक्षित बाहर निकाला। उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया।

6. करीना थापा – महाराष्ट्र (Maharastra)

17 वर्षीय करीना थापा ने मुंबई की एक इमारत में लगी भीषण आग के दौरान अपनी सूझबूझ से 36 लोगों की जान बचाई। आग लगने पर जहां लोग घबरा रहे थे, करीना ने संयम रखते हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का रास्ता दिखाया और फायर ब्रिगेड के आने तक स्थिति को संभाले रखा।

7. किसेन वानियांग – मेघालय मेघालय के 15 वर्षीय किसेन वानियांग ने बाढ़ के दौरान अपनी जान पर खेलकर चार बच्चों को डूबने से बचाया। उफनती नदी के बीच बच्चों को सुरक्षित किनारे तक लाने के उनके साहसिक प्रयास ने उन्हें इस पुरस्कार का हकदार बनाया।

खेल श्रेणी (Sports Category)

8. वैभव सूर्यवंशी – बिहार (क्रिकेट)

Bihar समस्तीपुर के 14 वर्षीय क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी इस लिस्ट में सबसे चर्चित नाम हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने हाल ही में लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक लगाकर और पेशेवर क्रिकेट में सबसे तेज 150 रन बनाकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। अंडर-19 टीम में उनका चयन और रणजी ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन काबिले तारीफ है।

9. वाका लक्ष्मी प्रग्निका – आंध्र प्रदेश (शतरंज)

मात्र 7 साल की वाका लक्ष्मी प्रग्निका ने शतरंज की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। वह अंडर-7 वर्ल्ड स्कूल चेस चैंपियनशिप की विजेता हैं। उनकी चालों की सटीकता और खेल की समझ को देखते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें भारत की भावी ‘ग्रैंडमास्टर’ बताया।

10. शिवानी होसुरु उप्पारा – आंध्र प्रदेश (पैरा-एथलीट)

आदित्य मेहता फाउंडेशन की ट्रेनी शिवानी एक पैरा-एथलीट हैं, जिन्होंने अपनी शारीरिक चुनौतियों को कभी बाधा नहीं बनने दिया। उन्होंने भाला फेंक (Javelin Throw) और शॉट पुट में राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते हैं। उनका जज्बा हर किसी के लिए प्रेरणा है।

11. ज्योति – हरियाणा (पैरा-एथलीट)

हरियाणा (Haryana) की ज्योति भी एक पैरा-एथलीट हैं और उन्होंने डिस्कस थ्रो और शॉट पुट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। व्हीलचेयर पर होने के बावजूद उन्होंने राष्ट्रीय पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर साबित कर दिया कि हौसले बुलंद हों तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता।

12. योगिता मंडावी – छत्तीसगढ़ (जूडो)

छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आने वाली योगिता मंडावी ने जूडो में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। खेलो इंडिया गेम्स में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार तक पहुंचाया।

13. विश्वनाथ कार्तिकेय पडकांति – (पर्वतारोहण)

विश्वनाथ ने कम उम्र में ही कई कठिन पर्वत चोटियों को फतह कर लिया है। उनकी पर्वतारोहण (Mountaineering) की उपलब्धियों और शारीरिक फिटनेस के प्रति उनके समर्पण के लिए उन्हें खेल श्रेणी में सम्मानित किया गया।

14. ज्योत्सना सबर – ओडिशा (वेटलिफ्टिंग)

ओडिशा (Odissa) के आदिवासी क्षेत्र से आने वाली 15 वर्षीय ज्योत्सना सबर ने वेटलिफ्टिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने IWF वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया।

15. अनुष्का कुमारी – झारखंड (फुटबॉल) झारखंड की अनुष्का कुमारी एक प्रतिभाशाली फुटबॉल खिलाड़ी हैं। उन्होंने सुब्रतो कप और विभिन्न राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में अपनी टीम का नेतृत्व किया और कई गोल दागे। वह भारतीय महिला फुटबॉल का भविष्य मानी जा रही हैं।

कला और संस्कृति (Art & Culture)

16. एस्तेर लालदुहॉमी हनामते – मिजोरम (गायन)

मिजोरम की 9 वर्षीय एस्तेर ‘वंदे मातरम’ गाने के अपने वीडियो से रातों-रात इंटरनेट सेंसेशन बन गई थीं। उनकी सुरीली आवाज और कम उम्र में संगीत की इतनी गहरी समझ ने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बना दिया है।

17. सुमन सरकार – पश्चिम बंगाल (तबला वादन)

नदिया जिले के 16 वर्षीय सुमन सरकार एक अद्भुत तबला वादक हैं। उन्होंने बहुत छोटी उम्र में तबला बजाना शुरू किया और अब तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।

समाज सेवा (Social Service)

18. श्रवण सिंह – पंजाब

पंजाब (Panjab) के फिरोजपुर जिले के 10 वर्षीय श्रवण सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना के जवानों की मदद की थी। सीमा पर तनाव के बीच उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए जवानों तक दूध, पानी और रसद पहुंचाई। उन्हें सेना द्वारा ‘यंगेस्ट सिविल वॉरियर’ का खिताब भी दिया गया है।

नवाचार और पर्यावरण (Innovation & Environment)

19. पूजा – उत्तर प्रदेश

बाराबंकी (Barabanki) की 17 वर्षीय पूजा ने किसानों के लिए एक सस्ता और ‘धूल-रहित थ्रेशर’ (Dustless Thresher) का मॉडल तैयार किया है। यह मशीन अनाज निकालते समय उड़ने वाली धूल को कम करती है, जिससे किसानों को सांस की बीमारियों से बचाया जा सकता है।

20. अर्नव अनुप्रिया महर्षि – महाराष्ट्र

पुणे (Pune) के अर्नव ने लकवा (Paralysis) के मरीजों के लिए ‘स्मार्ट रिहैब ग्लव’ (Smart Rehab Glove) विकसित किया है। एआई (AI) आधारित यह उपकरण मरीजों को घर पर ही फिजियोथेरेपी करने और रिकवरी ट्रैक करने में मदद करता है।

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