Cashless Treatment: विश्वविद्यालयों के शिक्षकों-कर्मचारियों को भी मिले कैशलेश चिकित्सा सुविधा : विजय बंधु
अटेवा की मांग: राज्य, चिकित्सा व कृषि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को भी मिले कैशलेश चिकित्सा (Cashless Treatment) सुविधा

लखनऊ। अटेवा (अध्यापक, कर्मचारी, अधिकारी पेंशन बचाओ मंच) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिक्षक दिवस पर की गई घोषणा का स्वागत किया है। साथ ही मांग की है कि सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ राज्य विश्वविद्यालयों, कृषि विश्वविद्यालयों और चिकित्सा विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी कैशलेश चिकित्सा सुविधा (Cashless Treatment) का लाभ दिया जाए।
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, शिक्षामित्र, रसोइया और अनुदेशकों को कैशलेश चिकित्सा सुविधा (Cashless Treatment) देने का निर्णय सराहनीय है। लेकिन राज्य व कृषि विश्वविद्यालयों तथा चिकित्सा विश्वविद्यालयों में तैनात शिक्षक और कर्मचारी इससे वंचित रह गए हैं, जिससे उनमें निराशा है।
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विजय कुमार बंधु ने बताया कि अटेवा की ओर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस वर्ग के कर्मचारियों को भी कैशलेश चिकित्सा सुविधा दिए जाने की मांग की गई है।
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प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश के हजारों शिक्षक अब भी इस सुविधा से वंचित हैं। प्रदेश में इन छूटे हुए शिक्षकों को कैशलेश इलाज की सुविधा भी मिले।
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प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षणेत्तर कर्मचारी शिक्षकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं, इसलिए वह भी कैशलेश चिकित्सा का लाभ पाने की पात्रता रखता है। अत: उन्हें भी कैशलेश चिकित्सा (Cashless Treatment) सुविधा का समान अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने सरकार से सहानुभूतिपूर्वक विचार कर जल्द से जल्द इसका दायरा बढ़ाने की अपील की है।