UP Supplementary Budget: योगी सरकार ने खोला खजाना, पेश किया ₹24,497 करोड़ का अनुपूरक बजट, इंडस्ट्री और हेल्थ सेक्टर पर पैसों की बारिश

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Winter Session) के दौरान वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए ₹24,496.98 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन के पटल पर बजट रखते हुए स्पष्ट किया कि यह बजट प्रदेश की ‘विकास की रफ्तार’ को बनाए रखने और प्राथमिक क्षेत्रों को मजबूती देने के लिए लाया गया है।

सरकार ने इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण सेक्टरों पर विशेष फोकस रखा है। मूल बजट के मुकाबले यह अनुपूरक बजट 3.03 प्रतिशत है।

इंडस्ट्री और पावर सेक्टर को ‘बूस्टर डोज़’

प्रदेश में निवेश और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने अपनी तिजोरी खोल दी है। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक विकास (Industrial Development) के लिए सबसे अधिक ₹4,874 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं, गर्मियों में निर्बाध बिजली आपूर्ति और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र (Power Sector) को ₹4,521 करोड़ आवंटित किए गए हैं।

हेल्थ और शहरों के विकास पर जोर

आम आदमी से जुड़े मुद्दों पर भी सरकार ने बड़ा दांव चला है। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को ₹3,500 करोड़ की बड़ी सौगात मिली है। इसके अलावा, मेडिकल एजुकेशन को सुदृढ़ करने के लिए ₹423.80 करोड़ अलग से दिए गए हैं।

शहरों की सूरत बदलने और नगरीय सुविधाओं (Urban Infrastructure) में सुधार के लिए नगर विकास विभाग को ₹1,758.56 करोड़ मिले हैं। इससे स्मार्ट सिटी और अमृत योजनाओं को नई गति मिलने की उम्मीद है।

किस सेक्टर को कितना मिला? (Budget Highlights)

राजस्व और पूंजीगत व्यय का गणित

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अनुपूरक बजट में राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) के लिए ₹18,369.30 करोड़ और पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) के लिए ₹6,127.68 करोड़ का प्रावधान है। अब वित्तीय वर्ष 2025-26 का कुल बजट (मूल और अनुपूरक मिलाकर) ₹8,33,233.04 करोड़ हो गया है।

आर्थिक स्थिति मजबूत, यूपी बना ‘रेवेन्यू सरप्लस स्टेट’

सदन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने दावा किया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुए तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एफआरबीएम (FRBM) एक्ट की सीमाओं का पूर्ण पालन किया है। भारत सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि यूपी की जीडीपी (GSDP) ₹31.14 लाख करोड़ आंकी गई है, जो राज्य की मजबूत अर्थव्यवस्था का सबूत है। यूपी अब एक ‘रेवेन्यू सरप्लस स्टेट’ के रूप में उभर रहा है।

क्यों पड़ी अनुपूरक बजट की जरूरत?

जानकारों के मुताबिक, जब किसी वित्तीय वर्ष में आवंटित धनराशि कम पड़ने लगती है या सरकार को किसी नई योजना के लिए तुरंत फंड की जरूरत होती है, तो अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) लाया जाता है। इस बजट के जरिए सरकार ने तकनीकी शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और ग्रीन एनर्जी (सौर ऊर्जा) जैसे भविष्य के लिए जरूरी क्षेत्रों में भी निवेश का रास्ता साफ किया है।

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