खेती से बढ़ा उत्तर प्रदेश का आर्थिक आत्मविश्वास, खेती बनी विकास की रीढ़

Lucknow: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र (agriculture) ने वर्ष 2023-24 में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। राज्य के नियोजन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश की कुल सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) ₹25.63 लाख करोड़ तक पहुंच गई है, जिसमें से ₹6.35 लाख करोड़ यानी 27% हिस्सा केवल प्राथमिक क्षेत्र से आया है। इसमें खेती-बाड़ी (फसल उपखंड) का योगदान ₹3.96 लाख करोड़ यानी 16.8% रहा।
कृषि में शीर्ष पर लखीमपुर खीरी
फसल उत्पादन में सर्वाधिक योगदान देने वाले जिलों में लखीमपुर खीरी (Lakihmpur Kheri) पहले स्थान पर रहा, जहां से ₹15.5 हजार करोड़ का उत्पादन हुआ। इसके बाद सीतापुर (Sitapur) (₹14.1 हजार करोड़), बाराबंकी (Barabanki) (₹11.1 हजार करोड़), बिजनौर (Bijnore) (₹10 हजार करोड़) और बदायूं (₹9.9 हजार करोड़) का स्थान रहा। इन जिलों का कुल मिलाकर राज्य के फसल जीडीपी में 15.3% हिस्सा है।
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वहीं, फसल उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि दर वाले जिले भदोही (Bhadohi) (32.55%), जालौन (30.49%), कानपुर देहात (Kanpur Dehat) (30.11%), रायबरेली (Raebareli) (30.05%) और झांसी (Jhansi) (28.65%) रहे।
खाद्यान्न, गेहूं और गन्ना उत्पादन में रिकॉर्ड
प्रदेश के फसल खंड के जीवीए में सर्वाधिक योगदान कुल खाद्यान का 40..68 फीसद फल, सब्जियों का 22.58 % और गन्ना का 19.4 % रहा है। प्रदेश ने खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के साथ ही गेहूं एवं गन्ना उत्पादन में अपनी अग्रणी भूमिका बनाए रखा। वर्ष 2023-24 में कुल 668.4 लाख टन खाद्यान्न और 397.5 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ, जो देश के कुल उत्पादन का क्रमशः 18.14% और 31.19% है।
शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, जौनपुर और अलीगढ़ खाद्यान्न उत्पादन में अग्रणी जिले रहे। जबकि खाद्यान्न उत्पादन में सबसे अधिक वृद्धि दर जालौन (35.14%), बलरामपुर (34.35%), और कन्नौज (26.96%) में दर्ज की गई।
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गन्ना उत्पादन में भी राज्य ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें 2495 लाख टन उत्पादन हुआ। खीरी, बिजनौर, सीतापुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ गन्ना उत्पादन में शीर्ष पर रहे।
आम, धान और विशेष फसलों में भी प्रगति
आम उत्पादन में उन्नाव और लखनऊ शीर्ष पर रहे, जहाँ क्रमशः 653.96 और 653.86 हजार मीट्रिक टन आम का उत्पादन हुआ। सहारनपुर, मेरठ और सीतापुर ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया। चंद्रकूट, हमीरपुर और जालौन जैसे जिलों में आम की खेती में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
धान उत्पादन में 264.96 लाख टन का उत्पादन हुआ, जो राष्ट्रीय उत्पादन का 11.6% है। खास बात यह रही कि जल संरक्षण योजनाओं के चलते बुंदेलखंड और पूर्वांचल में धान की उपज में क्रमशः 2.09% और 7.89% की वृद्धि हुई।
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राज्य के विशेष कृषि उत्पाद जैसे प्रयागराज का आमला, मलिहाबाद का दशहरी आम, सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल और चंदौली का आदमचीनी चावल को GI टैग मिल चुका है। ये उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी जगह बना रहे हैं। 567.62 टन आम का निर्यात हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.59% अधिक है।
कृषि अब आत्मनिर्भरता की ओर
राज्य सरकार किसानों को न केवल उत्पादन बल्कि मूल्य संवर्धन, भंडारण, प्रोसेसिंग और निर्यात से जोड़ रही है। इस प्रकार कृषि केवल आजीविका नहीं, बल्कि लाभकारी उद्यम बनकर उभर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश का किसान अब खेती के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था का भी नेतृत्व कर रहा है। कृषि हमारी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समृद्धि की रीढ़ है।”