Israel Iran War से एयर इंडिया को लगातार दूसरे दिन भारी नुकसान

New Delhi: अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया (Air India)के विमान के क्रैश होने को 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि इंडिया को भारी झटका लगा है। इस बार यह झटका इजराइयल द्वारा ईरान किए गए हमले के कारण लगा है। इससे एयर इंडिया को भारी नुकसान पहुंचा है। आइये जानते हैं कैसे…
13 जून की सुबह करीब 6 इजराइल ने दर्जनों फाइटर जेट्स के साथ ईरान पर हमला कर दिया। बाद में इजराइल ने बताया कि यह हमला सीधे ईरान के न्यूक्लियर साइट पर था। हमलें में ईरान के टॉप के अधिकारी और न्यूक्लियर साइंटिस्ट मारे गए हैं।
बाद में जवाबी हमले में ईरान ने भी इजराइल पर सैकड़ों ड्रोन और बैलेस्टिक मिसाइलों के साथ हमला कर दिया। इजराइल का दावा है कि ईरान उसके नागरिक ठिकानों पर हमला कर रहा है और मासूम नागरिकों को मार रहा है।
इसके साथ ही ईरान और इसराइल दोनों ही देशों ने अपने अपने एयर स्पेस बंद करने की घोषणा कर दी। लेकिन इसराइल और ईरान के बीच छिड़़ी जंग (Israel iran War) में अब एयर इंडिया (Air India) को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। एयर इंडिया ने 13 जून को ही सुबह 09:42 बजे एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेट फार्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि ईरान में इमरजेंसी सिचुएशन को देखते हुए 16 फ्लाइट निरस्त की जाती हैं।
ये सभी फ्लाइट या तो इंडिया से यूरोप के देशों के लिए जा रही थी अथवा यूरोप के देशों से इंडिया के लिए आ रही थी। इन सभी को या तो वापस कर दिया गया या दूसरे देशों में लैंडिंग के लिए डाइवर्ट कर दिया गया।
एयर इंडिया के अधिकारियों की मानें तो इंटरनेशनल ट्रेवल करने वाली ये सभी फ्लाइट लांग बॉडी की होती हैं जिनमें करीब 350 यात्री एक बार में यात्रा करते हैं। एयर इंडिया ऐसी करीब 25 फ्लाइट आपरेट करता है।
इन विमानों में एक बार में करीब 138 से 150 टन फ्यूल टेक आफ के समय होता है। लेकिन इसराइल ईरान के बीच हो रहे हमलों के कारण इन सभी विमानों को बीच रास्ते से ही वापस जाना पड़ा। चूंकि विमान में फ्यूल इतना अधिक होता है कि उतने वजन के साथ विमान लैंड नहीं कर सकते हैं। यदि टेक आफ के कुछ देर बाद ही विमान को इमरजेंसी में लैंड करना पड़़ता है तो फ्यूल को हवा में ही गिराना होता है।
यदि किसी विमान में 140 टन फ्यूल है तो उसमें से करीब 100 टन फ्यूल हवा में ही छोड़ना पड़ता है। यदि ऐसा ना किया तो अधिक वजन के साथ लैंड होने पर विमान के टायर में आग लग सकती है और विमान दुर्घटना ग्रस्त हो सकता है। अधिकारियों के मुताबिक लगभग सभी प्रकार के विमान उड़ान भरने के बाद अपने करीब 60 से 65 प्रतिशत वजन के साथ ही लैंड कर पाते हैं। बाकी का वजन फ्यूल का होता है जो रास्ते में खर्च हो जाता है अथवा इमरजेंसी या फ्लाइट डाइवर्ट होने के कारण उसे हवा में ही छोड़ना पायलट की मजबूरी होती है। इसके लिए विमान में बड़ी बड़ी नोजल होती हैं जिनसे सारा तेल हवा में ही छोड़ दिया जाता है।
इस कारण 13 जून को वापस की गई सभी फ्लाइट को भी हवा में ही अरबों रूपयों का फ्यूल उड़ाना पड़ा। उसके बाद ही वह कहीं लैंड सके।
एयर इंडिया को इन फ्लाइट के फ्यूल का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलावा सभी यात्रियों को टिकट वापस करनी होगी और दूसरे एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद उनका रूकने आने जाने का खर्च भी वहन करना होगा। सूत्रों के अनुसार इसराइल ईरान के मध्य मौजूदा वार के कारण एयर इंडिया की करीब 50 फ्लाइट पर असर पड़ा है।
इस प्रकार लगातार दूसरे दिन एयर इंडिया को बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ा है। यदि इसराइल इरान वार इसी प्रकार जारी रही और उनके एयर स्पेस बंद रहे तो एयर इंडिया के विमानों को दूसरे रास्ते से यूरोप के देशों में जाना पड़ेगा और इससे यात्रा में 5 से 6 घंटे का अतिरिक्त समय लगेगा।