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केजीएमयू बनेगा टेलीमेडिसीन का सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस

Lucknow: किंग जॉर्ज चिकित्सा मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) टेलीमेडिसिन (Telemedicine) सेवाओं के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Centre of Excellence) बनेगा। राज्य सरकार ने इसकी स्थापना को मंजूरी दे दी है। यह केंद्र राज्यभर में ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म 2.0 के माध्यम से दी जा रही टेली-परामर्श सेवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

इस प्रस्ताव को केजीएमयू की टेलीमेडिसिन यूनिट की नोडल इंचार्ज डॉ. शीतल वर्मा (Dr. Seetal Verma) ने कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद के मार्गदर्शन में तैयार कर शासन को भेजा था, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। इस परियोजना को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (BMGF) से अनुदान भी मिला है। इसके साथ ही जपाइगो (Jhpiego) भी तकनीकी और रणनीतिक सहयोग प्रदान करेगा।

यह होगा टेलीमेडिसिन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का काम

टेलीमेडिसिन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस राज्य में ऑनलाइन डॉक्टर सलाह की गुणवत्ता को लगातार बेहतर बनाने पर काम करेगा।

इस केंद्र के तहत-

– टेली-परामर्श की गुणवत्ता की निगरानी के लिए मेंटर्स और गु्रप प्रैक्टिस मैनेजर्स की तैनाती की जायेगी

– डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रशिक्षण सामग्री और मानक संचालन प्रक्रियाएं ((SOPs) विकसित की जायेंगी

– इलाज, दवा और रेफरल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्वालिटी ऑडिट और मूल्यांकन किया जायेगा

– विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा

– नई टेलीमेडिसिन तकनीकों को अपनाया जाएगा

– यह केंद्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), सी-डैक (C-DAC) और अन्य संस्थाओं के साथ समन्वय कर राज्य में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाएगा।

ग्रामीण मरीजों को होगा सबसे अधिक लाभ

इस पहल का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को मिलेगा, जिन्हें अब घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से समय पर और गुणवत्तापूर्ण सलाह मिल सकेगी। इससे शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच की खाई को कम करने में मदद मिलेगी।

ई-संजीवनी से 7.84 लाख मरीजों को मिला लाभ

डॉ. शीतल वर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 से अब तक ई-संजीवनी के माध्यम से 7,84,401 मरीजों को टेलीमेडिसिन सेवाओं का लाभ मिल चुका है। डॉ. शीतल ने कहा कि इस प्रस्ताव की स्वीकृति उत्तर प्रदेश में टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है। उन्होंने बताया कि परियोजना का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा, ताकि इसका लाभ राज्य के प्रत्येक नागरिक तक पहुंच सके। केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि यह टेली-परामर्श की गुणवत्ता में सुधार से मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा, संसाधनों का सही उपयोग होगा और स्वास्थ्य सेवाओं में समानता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

 

 

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