कैंसर संस्थान छूटा तो एम्स पटना की जिम्मेदारी मिल गयी

Lucknow: कैंसर संस्थान (Cancer Institute) छूटा तो संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) के निदेशक डा. राधा कृष्ण धीमन (Dr. Radha Krishna Dhiman) को एम्स पटना (AIIMS Patna) के अध्यक्ष की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल गयी। साथ ही उन्हें इंस्टीट्यूट बॉडी, एम्स पटना का सदस्य भी बना दिया गया।
पीजीआई में बतौर निदेशक कार्य करने के साथ वह काफी लम्बे समय तक कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान के कार्यवाहक निदेशक के तौर पर वहां का भी प्रशासनिक कार्य देख रहे थे। इसी माह जनवरी में डा. एमएलबी भट्ट (Dr. MLB Bhatt) को कैंसर संस्थान का स्थायी निदेशक नियुक्त कर दिया गया है। जानकारों की मानें तो सत्ता के गलियारे से लेकर राजभवन तक डा. धीमन की काफी पहुंच है। अपनी इसी पहुंच के चलते कैंसर संस्थान छूटने के बाद उन्हें एम्स पटना का राजकाज मिल गया। वैसे लोगों को उनकी पहुंच का अंदाजा पहले भी लग चुका है। जब पीजीआई निदेशक का कार्यकाल समाप्त होने पर विरोध के बावजूद उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया।
डॉ. धीमन ने KGMU से 1984 में एमबीबीएस और 1987 में एमडी (Medicine) की डिग्री प्राप्त की। इसके पश्चात 1991 में उन्होंने SGPGIMS, लखनऊ से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में डीएम की उपाधि प्राप्त की।
डॉ. धीमन इंटरनेशनल सोसाइटी ऑन हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी एंड नाइट्रोजन मेटाबॉलिज्म (ISHEN) के 2012 से 2019 तक अध्यक्ष रहे। साथ ही, उन्होंने इंडियन नेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लिवर (INASL) के सचिव (2016–2018) के रूप में कार्य किया और अब उसके अध्यक्ष हैं। वे 2011 से 2020 तक जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी (JCEH) के प्रधान संपादक रहे और 2011 से 2017 तक अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (ACG) के गवर्नर भी रहे।
डॉ. धीमन को चिकित्सा शोध और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2008 में डॉ. बी.सी. रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार तथा 2024 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के चार बार पुरस्कार विजेता रहे हैं।