कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा का ऐलान: 24 जून को पूरे प्रदेश में भूख हड़ताल और सत्याग्रह
लंबित मांगों के समाधान के लिए सरकार से नाराज़गी, सभी जिला मुख्यालयों पर होगा प्रदर्शन

Lucknow: कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने ऐलान किया है कि 24 जून 2025 को लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी और शिक्षक भूख हड़ताल और सत्याग्रह करेंगे। यह प्रदर्शन सरकार और शासन का ध्यान लंबित समस्याओं की ओर आकर्षित करने के लिए किया जाएगा। लखनऊ जनपद में यह कार्यक्रम बी.एन. सिंह प्रतिमा स्थल पर आयोजित किया जाएगा।
नगर निगम कार्यालय में मोर्चा के अध्यक्ष वी.पी. मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुई प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि सरकार की उपेक्षा और वादाखिलाफी के खिलाफ अब प्रदेशभर के कर्मचारी और शिक्षक शांतिपूर्ण संघर्ष करेंगे।
18 नवंबर की वार्ता के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
बैठक में महासचिव शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि 18 नवंबर 2024 को मुख्य सचिव के साथ हुई वार्ता की कार्यवृत्ति अभी तक जारी नहीं की गई और न ही मांगों के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया गया। इस मुद्दे पर रोष जताते हुए 4 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र भेजा गया था, जिसमें कार्यवृत्ति जारी करने और मांगों के समाधान की अपील की गई थी।
इसके बाद 2 अप्रैल को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव को पुनः स्मरण पत्र भेजा गया, परंतु कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इससे कर्मचारियों और शिक्षकों में गहरा असंतोष है।
बैठक में रहे ये प्रमुख नेता मौजूद
बैठक में कई संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें सतीश कुमार पांडे (संयोजक, कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा), सुरेश रावत (अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद), अतुल मिश्रा (महामंत्री, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद), गिरीश मिश्रा (महामंत्री, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद), सुनील यादव (अध्यक्ष, फार्मेसिस्ट फेडरेशन), मनोज मिश्रा (अध्यक्ष, राजकीय निगम कर्मचारी महासंघ), घनश्याम यादव (महामंत्री, राजकीय निगम कर्मचारी महासंघ), राम कुमार धानुक (महामंत्री, जवाहर भवन-इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ), विपिन त्यागी (अध्यक्ष, मेडिकल कॉलेज कर्मचारी महासंघ, उ.प्र.), आशीष कुमार सिंह (महामंत्री, माध्यमिक शिक्षक संघ, उ.प्र.), सतीश कुमार वर्मा सहित अन्य लोग शामिल रहे।
अंतिम विकल्प के रूप में सत्याग्रह
मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि सरकार यदि अब भी गंभीर नहीं हुई, तो चरणबद्ध आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। 24 जून का सत्याग्रह इस दिशा में पहला निर्णायक कदम होगा। बैठक में सभी नेताओं ने एक सुर में कहा कि अब शांतिपूर्ण संघर्ष के माध्यम से सरकार को जगाना होगा। सत्याग्रह और भूख हड़ताल के जरिए कर्मचारी-शिक्षक अपनी आवाज बुलंद करेंगे।