आनलाइन उपस्थिति के विरोध में संकुल शिक्षकों ने पद से दिया इस्तीफा
आठ ब्लॉकों हरचंदपुर, अमावां, जगतपुर, राही, सतांव, लालगंज, ऊंचाहार और डलमऊ ब्लॉक के संकुल शिक्षकों ने दिया त्यागपत्र
रायबरेली। ऑनलाइन उपस्थिति और डिजिटलाइजेशन के विरोध में शिक्षकों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को होने वाली संकुल मीटिंग से पहले सोमवार को कई ब्लॉकों के संकुल शिक्षकों ने इस अतिरिक्त पद से इस्तीफा दे दिया।
सोमवार को नोडल/संकुल शिक्षकों ने खण्ड शिक्षाधिकारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जगतपुर, हरचंदपुर, अमावां, राही, सतांव, लालगंज, ऊंचाहार और डलमऊ सहित कई ब्लॉकों से संकुल शिक्षकों ने त्यागपत्र दे दिया।
संकुल शिक्षकों ने बीईओ के माध्यम से बीएसए और महानिदेशक को भेजे गए पत्र में कहा कि अब हम लोग शिक्षण कार्य के अलावा अन्य कार्य नहीं करेंगे। कार्यों के पद से त्यागपत्र भी देना शुरू कर दिया है। शिक्षकों ने कहा है कि शिक्षकों पर थोपी जा रही डिजिटल हाजिरी के विरोध में वह शिक्षक संकुल पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। ऐसे में उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया जाए।
अमावां ब्लॉक में शिक्षकों ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में 38 संकुल शिक्षकों ने अपना त्यागपत्र सौंपा। हरचंदपुर ब्लॉक में जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव और आरएसएम ब्लॉक अध्यक्ष अनूप सिंह के नेतृत्व में 35 संकुल शिक्षकों ने अपना त्यागपत्र सौंपा।
ब्लॉक डलमऊ के समस्त संकुल शिक्षक समन्वय समिति के आवाह्न पर ब्लॉक संसाधन केंद्र डलमऊ में उपस्थित होकर डिजिटिलाईजेशन एवं ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में सामूहिक रूप से अपने संकुल शिक्षक पद से इस्तीफा दे दिया।
डलमऊ में महामंत्री सियाराम सोनकर व शैलेश यादव, लालगंज में महेंद्र यादव, राही में गौरव यादव सतांव में ब्लाक अध्यक्ष उमाशंकर चौधरी के नेतृत्व में शिक्षकों ने त्यागपत्र दिया गया। जगतपुर ब्लॉक में आरएसएम ब्लॉक अध्यक्ष आशुतोष मौर्य के नेतृत्व शिक्षकों ने त्यागपत्र दिया।
ऊंचाहार जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिला सरंक्षक समर बहादुर सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह और आरएसएम के ब्लॉक अध्यक्ष हरशरण मौर्य की अध्यक्षता में ऊंचाहार ब्लॉक के समस्त शिक्षक संकुलों ने सामूहिक इस्तीफा खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया। शिक्षकों ने कहा कि अभी शिक्षक संकुल पद से त्यागपत्र दिया है। मांगे न मानी गई तो अगला कदम इससे भी बड़ा हो सकता है।