LUCKNOW: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA), और एसटीएफ की संयुक्त टीम की कार्रवाई में राजधानी लखनऊ से भारी मात्रा में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) इंजेक्शन और निर्माण सामग्री का भारी जखीरा पकड़ा गया है। कार्रवाई में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और करीब 1 करोड़ 8 लाख रुपये मूल्य की ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन व कच्चा माल बरामद किया गया है।
एसटीएफ, एफएसडीए और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने लखनऊ के थाना पारा क्षेत्र के ग्राम मुत्तफर खेड़ा, लखनऊ-हरदोई रोड पर स्थित एक आवासीय परिसर में छापा मार कर बड़ी कार्यवाही की है।
छापेमारी करने वाली टीम में एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक लाल प्रताप सिंह की टीम, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (ड्र्रग) के असिस्टेंट कमिश्नर बृजेश कुमार के निर्देशन में ड्रग इंस्पेक्टर संदेश मौर्य, ड्रग इंस्पेक्टर विवेक कुमार सिंह शामिल रही।
कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में नकली दवाएं, कच्चा माल और पैकिंग सामग्री मिली हैं। जिसमें 2,270 बोतलें नकली ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन (प्रत्येक 180 ml), 20 गैलन नकली ऑक्सीटोसिन लिक्विड (प्रत्येक 5 लीटर), 1 गैलन (50 लीटर) ऑक्सीटोसिन लिक्विड, 33,000 एम्प्यूल (प्रत्येक 2 ml) नकली इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। टीम ने दो वाहन (एक होंडा सिटी कार और एक छोटा हाथी डाला भी जब्त किए।
छापेमारी में पकड़े गए आरोपियों में इरफान, दिलदार अली, शहनवाज और मो. सोहेबे शामिल हैं।
इंजैक्शन के साथ निर्माण सामग्री जब्त
एफएसडीए के असिस्टेंट कमिश्नर बृजेश कुमार ने बताया कि यह गिरोह ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन (Oxytocin) का निर्माण कर उन्हें आसपास के जिलों में सप्लाई कर रहा था। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन जो असल में पशु चिकित्सा में उपयोग की जाती है, दूध उत्पादन बढ़ाने और अन्य अवैध उपयोगों के लिए गलत तरीके से बेची जा रही थी। इसका बिक्री प्रतिबंधित है।
नेटवर्क का खुलासा
पूछताछ में मुख्य आरोपी इरफान ने बताया कि एक लीटर ऑक्सीटोसिन को पानी और फिनाइल में मिलाकर करीब 100 लीटर ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन तैयार किया जाता था। इसके बाद इन्हें अपनी होंडा सिटी कार व छोटा हाथी डाला से आस पास के जिलों में सप्लाई किया जाता था। ऑक्सीटोसिन के निर्माण में प्रयोग किया जाने वाला कच्चा माल चाइना में बनता है उसे यह गिरोह बिहार से लाता था।
गिरोह के अन्य सहयोगियों में अनमोल पाल, अवधेश पाल, मोहम्मद इलियास, मोहम्मद अशफाक भी सामिल हैं। ये लोग भी जहरीले ऑक्सीटोसिन के निर्माण, पैकेजिंग और वितरण में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
FSDA की कार्रवाई
असिस्टेंट कमिश्नर ब्रजेश कुमार ने बतया कि ड्रग बरामद ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन और सामग्री को FSDA अधिकारियों ने मौके पर सील कर लिया है। तीन सैंपल को फॉरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा गया है, जबकि बाकी सामान जब्त कर लिया गया है।
FSDA अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीटोसिन की ब्रिक्री प्रतिबंधित है और कानूनन अपराध है। यह पशुओं के साथ लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा है। इस पूरे मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।