यूपी में गठित होगा चिकित्सा शिक्षा भर्ती बोर्ड
Lucknow: यूपी में अब डॉॅक्टरों की भर्ती (Recruitment of Doctors) चिकित्सा शिक्षा भर्ती बोर्ड के जरिए की जायेगी। सरकार ने प्रदेश विशेषज्ञ चिकित्सक एवं चिकित्सा शिक्षा भर्ती बोर्ड (Medical Education Recruitment Board) के गठन को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है। यह बोर्ड चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्य करेगा।
अब तक विशेषज्ञ डॉक्टरों और असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के लिए अधियाचन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (Public Service Commission) को भेजे जाते थे। आयोग पर कार्यभार अधिक होने के कारण चयन प्रक्रिया पूरी होने में छह महीने से लेकर एक वर्ष या उससे भी अधिक समय लग जाता था। इसका सीधा असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा था। कई सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा था, वहीं मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।
सरकार का मानना है कि नए भर्ती बोर्ड के गठन से लोक सेवा आयोग पर निर्भरता खत्म होगी और चयन प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरी की जा सकेगी। इससे विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति तेजी से होगी और अस्पतालों में मरीजों को बेहतर एवं समय पर इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा।
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यह भर्ती बोर्ड दो प्रमुख संवर्गों के अंतर्गत नियुक्तियां करेगा। पहला, उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के तहत विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती और दूसरा, उत्तर प्रदेश राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अध्यापक संवर्ग के तहत मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति। इसके माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य शैक्षणिक पदों को समय पर भरा जा सकेगा।
गौरतलब है कि प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेजों में निर्धारित स्टाफ मानक पूरे न होने के कारण विभाग को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission) में हलफनामा तक देना पड़ा था। शिक्षकों की कमी के चलते कई कॉलेजों की मान्यता और सीटों पर भी संकट बना हुआ था। नए भर्ती बोर्ड के माध्यम से समय पर शिक्षकों की नियुक्ति होने से मेडिकल कॉलेजों के मानक पूरे करने में मदद मिलेगी और मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
