चार दिन में ही पुलिस ढूढ़ लायी ‘जुल्जना’

Lucknow: चोरी की बड़ी घटनाओं पर भले ही पुलिस सुस्त रहती है लेकिन ‘ज़ुल्जना’ (Zuljanah) को गायब हुए चार दिन ही बीते थे कि पुलिस ढूढ़ लायी। पुलिस की इस तत्परता से जाहिर है कि वह ढूढऩे पर आये तो कुछ भी ढूढ़ सकती है।

दरअसल जुल्जना एक घोड़ा (Horse) है जो एक विशेष सम्प्रदाय से ताल्लुक रखता है। बीती 24 तारीख को वह तालकटोरा के कर्बला से गायब हो गया था। जिसे पुलिस ने ढूढ़ निकाला। बताया जा रहा है कि यह जुल्जना ईरानी नस्ल का बेहद कीमती घोड़ा है, जिसे मुहर्रम के जुलूस में निकाला जाता है। घोड़े की सुरक्षित वापसी के लिए 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा भी की गई थी। जुल्जना के वापस मिलने की खबर फैलते ही कर्बला तालकटोरा और आसपास के इलाकों में राहत का माहौल बन गया। कर्बला से जुड़े जिम्मेदारों ने पुलिस का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने जुल्जना की तलाश में सहयोग किया।

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क्यों खास है जुल्जना

जुल्जना कोई खास नस्ल (breed) नहीं, बल्कि विशेष सम्प्रदाय के लोगों का मानना है कि वह हजरत इमाम हुसैन के वफादार घोड़े का नाम है, जिसे मुहर्रम के जुलूसों में उनकी सवारी के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह अक्सर ईरानी नस्ल का खूबसूरत सफेद घोड़ा होता है, जो अपनी वफादारी और शक्ति के लिए जाना जाता है

जुल्जना के बारे में मुख्य बातें-

नाम का अर्थ- विशेष सम्प्रदाय के अनुसार, इसके नाम का अर्थ दो पंखों वाला है, और इसे इमाम हुसैन के लिए भेजा गया एक पवित्र घोड़ा माना जाता है।

धार्मिक महत्व- यह कर्बला की जंग में इमाम हुसैन के साथ था और उनकी शहादत के बाद भी उनके प्रति वफादारी दिखाता रहा, जिससे यह विशेष सम्प्रदाय की आस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।

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