KGMU में 2 दिन में 2 हेल्थ केयर कर्मचारियों की हार्ट अटैक से मौत
दूसरे दिन लगातार दूसरे दिन कर्मचारी की हार्ट अटैक से मौत

Lucknow: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के नेत्र विभाग में प्रधान सहायक के पद पर कार्यरत 47 वर्षीय प्रदीप वर्मा (Pradeep Verma) की कल रात हार्ट अटैक (Heart Attack) से मौत हो गई। उनके असामयिक निधन की खबर से विभाग में शोक की लहर दौड़ गई है।
लखनऊ में पिछले चार दिनों में मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी तीसरी मौत है जो कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है। इससे पहले गुरुवार को KGMU के नर्सिंग ऑफिसर राजेन्द्र यादव और बुधवार को लोहिया संस्थान के एमबीबीएस डॉक्टर विवेक पांडेय का भी हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। इतनी कम में हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की हार्ट अटैक से मौत चिंता का विषय है। भीषण गर्मी या काम प्रेशर, किस वजह से मौते हो रही हैं, यह जांच का विषय है।
यह भी पढ़े: केजीएमयू के नर्सिंग ऑफिसर की हार्ट अटैक से मौत
नर्सिंग एसोसिएशन के महामंत्री और नेत्र विभाग में कार्यरत जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदीप रात का भोजन करने के बाद आराम कर रहे थे। अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई। परिजन उन्हें रात करीब 11 बजे डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान की इमरजेंसी लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
प्रदीप चिनहट क्षेत्र में अपने परिवार के साथ रहते थे। उनके परिवार में बुजुर्ग पिता, पत्नी और दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी हाईस्कूल में पढ़ती है जबकि छोटी चौथी कक्षा में है। प्रदीप का अंतिम संस्कार सोमवार को बाराबंकी स्थित उनके पैतृक गांव में किया गया। उनके सहकर्मियों द्वारा नेत्र विभाग में शोकसभा आयोजित की गई। प्रदीप के पिता जी डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में उच्च पद से रिटायर हुए थे।
यह भी पढ़ें: इमरजेंसी सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं पायलट
जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि करीब दो साल पहले एक सडक़ हादसे में प्रदीप गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उनके दोनों घुटनों का ट्रांसप्लांट किया गया था। उन्हें डायबिटीज की भी शिकायत थी, लेकिन इसके बावजूद वह वह अपने कार्यों को बहुत ही मेहनत के साथ करते थे।
यह भी पढ़ें: परिवार कल्याण निदेशालय को बम से उड़ाने की धमकी
सहयोगियों का कहना है कि प्रदीप वर्मा एक जिम्मेदार और मिलनसार कर्मचारी के रूप में जाने जाते थे। विभागीय कार्यों में उनकी हमेशा सक्रिय भूमिका रही है। अचानक उनके निधन से सभी स्तब्ध हैं। सहयोगियों ने उनके प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए इसे उनके परिवार के लिए भारी क्षति बतायी।
कर्मचारी मरे तो मरे, अधिकारी तो पदमश्री है।