स्कूलों में पढ़ाया जाएगा फाइलेरिया से बचाव का पाठ

Lucknow: वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन (Filariasis Eradication) के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि स्कूलों में फाइलेरिया से बचाव का पाठ पढ़ाया जाएगा। सोमवार को 27 जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों (DIOS) और शिक्षकों ने इस अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया कि शिक्षण संस्थानों की प्रार्थना सभाओं में फाइलेरिया की जानकारी दी जाएगी और छात्रों को दवा खाने की शपथ भी दिलाई जाएगी।
राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने बताया कि 10 अगस्त से शुरू हो रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान से दो दिन पहले, यानी 8 अगस्त को सभी जिलों में जनजागरूकता रैली निकाली जाएगी, जिससे छात्रों और उनके अभिभावकों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़े। उन्होंने स्कूलों से अपील की कि वे ब्लैकबोर्ड पर अभियान से संबंधित निबंध व चित्रकला प्रतियोगिताएँ कराएं और कक्षा के व्हाट्सएप ग्रुपों पर जागरूकता वीडियो साझा करें।
माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक जय शंकर श्रीवास्तव ने भी इस अभियान का समर्थन करते हुए निर्देश दिया कि सभी जिलों में अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मंगलवार को इसी संदर्भ में बेसिक शिक्षा विभाग और प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की बैठक भी होगी।
क्यों जरूरी है फाइलेरिया रोधी दवा
– यह दवा फाइलेरिया से बचाव करती है, इलाज नहीं।
– 5 वर्षों तक लगातार वार्षिक दवा सेवन से ही संक्रमण की कड़ी तोड़ी जा सकती है।
– दवा भविष्य के संक्रमण से सुरक्षा देती है।
– यह दवा सभी के लिए सुरक्षित है, सिवाय गर्भवती महिलाओं, एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गंभीर रूप से बीमार रोगियों के।
– दवा उच्च रक्तचाप, मधुमेह और गठिया से पीड़ितों के लिए सुरक्षित है।
– भोजन के बाद दवा लें।
– एल्बेंडाजोल की गोलियां चबाकर खाएं।
– किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया की स्थिति में आशा कार्यकर्ता या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।