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प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में अब बच्चों संग अभिभावक भी ले रहे करियर संबंधी जानकारी

बच्चों को अपने सपनों के करियर की उड़ान भरने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं यूनिसेफ सशक्त कर रहा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों के साथ साथ अब माता पिता को भी बच्चों के करिअर से जुड़े विकल्पों की जानकारी दी जा रही है। इसके लिए विशेष पेरन्ट टीचर मीटिंग का आयोजन इस शैक्षिक सत्र से शुरू किया गया है। साथ ही सभी विद्यालयों में करियर हब विकसित किए गए हैं।

माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई यह पहल ‘उत्तर प्रदेश पंख’ कार्यक्रम के अंतर्गत की जा रही है जिसका उद्देश्य कक्षा 9-12 के छात्र छात्राओं को करियर से जुड़ी जानकारी देना एवं उनका मार्गदर्शन करना है।

“कई बार अभिभावकों को नए करियर विकल्पों को लेकर जानकारी का अभाव या संदेह रहता है। ऐसे में बच्चों को अपना मन चाहा करियर चुनने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है एवं माता पिता से मतभेद भी होता है। इस दृष्टि से पंख कार्यक्रम के अंतर्गत करियर संबंधित बात चीत में अभिभावकों को भी शामिल करने का प्रयास किया गया है ताकि वे भी नए विकल्पों के विषय में जागरूक हों एवं सही करियर चुनने में बच्चे का सहयोग कर सकें,“ श्री विष्णु कान्त पांडे, आडिशनल स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर, समग्र शिक्षा अभियान ने कहा।

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“माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से अलग अलग करियर विकल्पों से संबंधित कार्ड्स विकसित किए गए हैं जिसमें करियर संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई छात्र या छात्रा फैशन डिजाइन, आर्म्ड फोर्सेस, पत्रकारिता आदि के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो उनके लिए कौन से विकल्प मौजूद हैं, कैसे आवेदन किया जा सकता है, क्या योग्यता है, कौन से कॉलेज में यह कोर्स किये जा सकते है, कोर्स के बाद नौकरी की क्या संभावनाएँ है– आदि सभी जानकारी कार्ड में दी गई है। पंख पोर्टल पर भी यह सब जानकारी उपलब्ध है”, यूनिसेफ के शिक्षा अधिकारी श्री रवि दयाल ने कहा।

उन्होंने बताया की पंख के अंतर्गत सभी विद्यालयों में करिअर हब विकसित किए गए है जिसमें करिअर संबंधी चार्ट एवं पोस्टर आदि लगाए गए हैं। इसके साथ ही प्रत्येक शनिवार को एक विशेष सत्र का आयोजन विद्यालय स्तर पर किया जाता है ताकि बच्चों से विभिन्न करियर विकल्पों के विषय में बात चीत की जा सके।

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बच्चों द्वारा एक पंख डाएरी भी बनाई गई है जिसमें वे सभी जानकारियाँ नोट करते हैं। राजकीय बालिका विद्यालय गोंडा की कक्षा 12 की तलत मारिया ने कहा, “मेरे परिवार में सभी प्राइवेट नौकरी करते हैं किन्तु मैं प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती हूँ। इस विषय में मुझे पंख पोर्टल के माध्यम से जानकारी मिली है। प्रत्येक शनिवार होने वाली गतिविधियां बहुत ही ज्ञानवर्धक होती हैं और हमे अपने करियर के विषय में सोचने, बात करने एवं उसे हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं।“

यूनिसेफ उत्तर प्रदेश प्रमुख डॉ जकारी ऐडम ने कहा, “बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता भी उनके भविष्य, करियर, रोजगार और आजीविका को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित रहते हैं। राज्य सरकार और यूनिसेफ की पंख पहल उन्हें सही समय पर कक्षा 9-12 में मदद कर रही है, ताकि वे अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने और अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए सही निर्णय ले सकें। इससे बाल अधिकार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और सतत विकास लक्ष्य सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। “

पंख की शुरुआत 2022 में की गई थी जिसके अंतर्गत एक पोर्टल https://uppankh.in/ विकसित किया गया है जिसमें करियर से जुड़ी वृहद जानकारी बच्चों के लिए उपलब्ध है। प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में एक-एक नोडल टीचर का प्रशिक्षण भी किया गया है ताकि वे करियर से जुड़ी गतिविधियों का संचालन कर सकें।

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पंख कार्यक्रम के अंतर्गत समय समय पर वेबईनर का आयोजन किया जाता है एवं विशेषज्ञों से बात चीत सुलभ कराई जाती है। इसके साथ ही करिअर मेलों का आयोजन आदि कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाना प्रस्तावित हैं।

राजकीय बालिका विद्यालय गोंडा की अध्यापिका श्रीमती मनीष भोजपुरिया ने कहा, “पंख पोर्टल में लौग इन करने के लिए बच्चे अपने अभिभावकों के फोन का ही इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में पेरन्ट टीचर मीटिंग के माध्यम से जब अभिभावकों को भी पोर्टल के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई तो उनके मन में जो भी शंकाएँ और सवाल थे, वे दूर हुए और वे बच्चों का सहयोग करने लगे।“

“छात्रों के लिए प्रभावी कैरियर मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें अपने भविष्य की राह पर चलने के लिए ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास से लैस करता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे ऐसे निर्णय लें जो उनके कौशल और रुचि के अनुरूप हों “, यूनिसेफ इंडिया कन्ट्री ऑफिस की शिक्षा विशेषज्ञ प्रमिला मनोहरन ने कहा।

कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों का साइकॉमेट्रिक टेस्ट समेत कई ऐसी गतिविधियां भी कराई जाति हैं जिससे बच्चे स्वयं की रुचियों एवं योग्यताओं को समझें और उसके अनुरूप करिअर का चुनाव कर सकें।

यूनिसेफ के शिक्षा अधिकारी रवि दयाल ने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश के देवी पाटन मण्डल के चार जिलों—गोंडा, बहराइच, बलरामपुर एवं श्रावस्ती से की गई। वहाँ सफलतापूर्वक करिअर हब स्थापित किए गए हैं एवं अभिभावकों के साथ बैठकों का आयोजन किया गया है। बच्चों एवं अभिभावकों दोनों में उत्साह देखने को मिला है और कार्यक्रम के माध्यम से दी जा रही जानकारी को वे उत्सुकता से ग्रहण कर अपनी शंकाओं के निवारण कर रहे हैं। अब कार्यक्रम का विस्तार प्रदेश के अन्य जिलों में किया जा रहा है जिसका विभाग द्वारा शासनदेश भी जारी किया जा चुका है।

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