Republic Day 2025: 15 अगस्त पर ध्‍वजारोहण और 26 जनवरी पर ध्‍वज फहराने में होता है अंतर

15 अगस्त को PM और 26 जनवरी को राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं झंडा?

15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली थी। यह दिन भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक है और देश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को याद करने का अवसर है।

26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, जिससे भारत एक गणतंत्र बना। यह दिन भारतीय संविधान की स्थापना और लोकतंत्र के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

जबकि 26 जनवरी या गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगे झंडे को पोल के शीर्ष पर बांध दिया जाता है. ऐसे में जब राष्ट्रपति डोरी खींचते हैं, तो वह फहराने लगता है. गणतंत्र दिवस पर इस प्रक्रिया को झंडा फहराना या फ्लैग अनफर्लिंग (Flag Unfurling) कहलाता है।

26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर एक विशाल परेड होती है जिसमें भारतीय सेना, विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झांकियाँ और बाल कल्याण कोष के बच्चों की प्रस्तुतियाँ शामिल होती हैं। राज्य और स्थानीय स्तर पर भी इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

15 अगस्त को PM और 26 जनवरी को राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं झंडा?

दरअसल, भारत की आजादी के समय कोई भी आधिकारिक राष्ट्रपति नहीं था, इसलिए आजादी के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया था. उस समय के बाद से यह परंपरा चल गई कि 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहराएंगे. वहीं 26 जनवरी, 1950 को देश के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने तिरंगा झंडा फहराया था. ऐसे में यह परंपरा उसी समय से चली आ रही है.

 

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