“साथ ही हम पर भी ये हिदायत थी कि हम केवल आतंकवादियों को ही निशाना बनाएं और जितना हो सके कोलैटरल डैमेज न होने दें.”
लेफ़्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आगे बताया कि, “सेना ने ख़ुफ़िया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 9 ठिकानों को चिन्हित किया. इनमें से कुछ पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में थे. इनमें मुरीदके जैसी जगह शामिल थी जो लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ था.”
“इन जगहों की और उसके आसपास के इलाक़े की पूरी जानकारी इकट्ठा की गई. जगह की तस्वीरें ली गईं और इसके आधार पर उन्हें सटीक निशाना बनाया गया।”
“हमने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के 9 ठिकानों पर अचानक हमला किया. इन हमलों में 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए. इनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे हाई वैल्यू वाले आतंकवादी भी शामिल थे. ये तीनों आईसी 814 के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल थे।”
इसके बाद पाकिस्तान ने लाइन ऑफ़ कंट्रोल का उल्लंघन किया और इसमें कई लोगों की मौत हुई।
उन्होंने बताया कि, “भारतीय एयरफोर्स ने हवाई हमलों में अहम भूमिका निभाई और इसके लिए नेवी की तरफ से अहम मदद मिली.”
एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि जो टारगेट एयर फ़ोर्स को दिए गये थे उनका सावधानी से चुनाव किया गया था. उनके मुताबिक़ इनमें बहावलपुर और मुरीदके में ‘कुख़्यात ट्रेनिंग कैंप’ शामिल थे.
उन्होंने बताया, “क्रिटिकल सिस्टम के ज़रिए हमने यह देखा कि क्या किया जा सकता है.” तस्वीरों से ज़रिए भारतीय वायु सेना की कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानकारी दी और मुरीदके में “आतंकवादी ठिकाने” के बारे बताया जहां चार जगहों पर एयर फोर्स ने टारगेट किया.
एयर मार्शल एके भारती ने बताया, “सात मई की शाम को भारत की पश्चिमी सीमा से सटे कई इलाक़ों में बड़ी संख्या में पाकिस्तान के मानवरहित यंत्र और छोटे ड्रोन देखे गए.” “ये रिहायशी इलाक़ों, सैन्य ठिकानों के ऊपर देखे गए. सेना ने उन्हें सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर लिया.” कुछ हमला करने में भी काययाब रहे लेकिन इनसे कोई नुकसान नहीं हुआ।
“यहां दोनों में अंतर यह है कि हमने उनके आतंकवादियों को निशाना बनाया, जबकि उन्होंने हमारे आम लोगों और सैन्य ढांचे को निशाना बनाया.”
“आठ और नौ मई की दरमियानी रात, लगभग साढ़े दस बजे से हमारे शहरों पर ड्रोन और मानव रहित विमानों का एक बड़ा हमला किया गया, जो श्रीनगर से शुरू होकर नलिया तक किया गया. यह एक ऐसा हमला था जो लगातार जारी रहा.”
“हम सतर्क थे और हमारी वायु रक्षा की तैयारी ने यह सुनिश्चित किया कि ज़मीन पर या दुश्मन की योजना के अनुसार किसी भी लक्ष्य को कोई नुक़सान न पहुंचे.”
“हमने संतुलित और नियंत्रित तरीके़ से जवाबी कार्रवाई करते हुए एक बार फिर लाहौर और गुजरांवाला के निकट स्थित सैन्य ठिकानों और निगरानी रडार स्थलों को निशाना बनाया.”
एयर मार्शल एके भारती ने लड़ाकू विमानों को गिराने से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, “जैसा कि मैंने कहा, उनके विमानों को हमारी सीमा में आने से रोका गया. इसलिए, हमारे पास मलबा नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से, हमने कुछ पाकिस्तानी विमानों को गिराया है. इसकी संख्या को लेकर हम कोई अनुमान नहीं लगाना चाहेंगे. मेरे पास संख्याएं हैं और हम इसकी पुष्टि करने के लिए तकनीकी जानकारी जुटी रहे हैं. इसलिए, मैं इस समय कोई आंकड़ा नहीं देना चाहूंगा.”
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि “मैंने कल (शनिवार) दोपहर 3 बजकर 35 बजे पाकिस्तानी डीजीएमओ के साथ बात की, जिसके बाद शनिवार शाम पांच बजे सीमापार गोलाबारी और आसमान से हमले रोकने पर सहमति बनी.”
“ये भी तय हुआ कि मैं अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ 12 मई यानी सोमवार को चर्चा करूंगा, ताकि बात की जा सके कि इस सहमति को कैसे लंबे वक़्त तक सुनिश्चित किया जाए।”
“लेकिन मुझे निराशा के साथ कहना पड़ रहा है, या ये कहूं जैसी आशंका थी, कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तानी सेना ने सहमति का उल्लंघन किया।”
“सीमा पार और नियंत्रण रेखा पर सहमति का उल्लंघन हुआ. ये केवल शनिवार देर रात नहीं हुआ बल्कि रविवार सवेरे तक चलता रहा. इसका कड़ाई से मुक़ाबला किया गया.” इसके बारे में पाकिस्तान को जानकारी दी गई है।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “रविवार को मेरे समकक्ष को सहमति के उल्लंघन के इन मामलों के बारे में हॉटलाइन पर जानकारी दी गई है और साथ ही कहा गया है कि इनसे कड़ाई से निपटा जाएगा और उचित उत्तर दिया जाएगा. अगर रविवार रात को या फिर कभी और ऐसी कार्रवाई हुई तो उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।”