02 अगस्त को मर्जर के विरोध में AAP करेगी स्कूल बचाओ आंदोलन
सरकारी स्कूलों को बचाने के लिए AAP का लखनऊ के ईको गार्डन में विशाल आंदोलन, स्कूल बचाओ आंदोलन को मिली आंशिक जीत, लड़ाई अभी जारी रहेगी_ संजय सिंह

LUKNOW: उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राथमिक स्कूलों को बंद करने या एकीकृत करने की नीति पर बढ़ते जनदबाव और विरोध के चलते योगी सरकार को आंशिक रूप से पीछे हटना पड़ा है। हालांकि सरकार ने अपने फैसले में कोई औपचारिक बदलाव नहीं किया है, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) समेत अभिभावकों, छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के निरंतर विरोध के कारण कई जिलों में विद्यालय संचालन आंशिक रूप से पुनः शुरू किए गए हैं।
प्रदेशभर में चल रहे ‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ की यह आंशिक जीत है, लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। आम आदमी पार्टी का स्पष्ट कहना है कि यदि एक भी स्कूल बंद होगा, आंदोलन जारी रहेगा। इस कड़ी में शनिवार, 02 अगस्त को लखनऊ के इको गार्डन में एक विशाल जनआंदोलन आयोजित किया जाएगा। हजारों अभिभावक, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और पार्टी कार्यकर्ता इस आयोजन में शामिल होकर सरकार को चेतावनी देंगे कि अगर हर बच्चे को उसका स्कूल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दी गई तो यह आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
संजय सिंह ने कहा कि कई स्कूल अभी भी बंद होने की कगार पर हैं, और लाखों बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। उन्होंने जनता से अपील की है कि “2 अगस्त को प्रातः 11 बजे इको गार्डन पहुंचकर इस निर्णायक आंदोलन का हिस्सा बनिए। यह लड़ाई आपके बच्चों की है, उनके अधिकार की है, उनके स्कूल की है।” आम आदमी पार्टी यह विश्वास दिलाती है कि वह हर बच्चे को उसके स्कूल का हक़ दिलाकर रहेगी।
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह निर्णायक संघर्ष का समय है। उन्होंने कहा कि “ये सिर्फ स्कूलों को बचाने की नहीं, बच्चों के भविष्य को बचाने की लड़ाई है। सरकार की नीतियां अगर बच्चों को स्कूल से दूर करेंगी, तो हम सड़कों पर उतरकर उन्हें वापस स्कूल तक पहुंचाएंगे।”
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में बच्चों के स्कूल बचाने के लिए लगातार आंदोलन कर रही है। आम आदमी पार्टी का संघर्ष इसलिए है कि उत्तर प्रदेश में नौनिहालों के स्कूल बंद न किए जाएं। उनके स्कूलों में जो सुविधा बदहाली पर पहुंच गई हैं, उन्हें दुरुस्त किया जाए। बच्चों को मिड डे मील नहीं दिया जाता, उनके लिए शौचालय, बिजली, पानी की व्यवस्था नहीं है, बच्चों के बैठने का इंतजाम नहीं है और स्कूल पूरी तरीके से जर्जर और दुर्दशाग्रस्त हैं।
आप सांसद ने कहा की स्कूलों को विलय करने का प्रदेश सरकार का यह फैसला बहुत ही खतरनाक है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं ऐसे तमाम स्कूलों में गया, जहां के स्कूल तीन-तीन किलोमीटर दूर कर दिए गए थे। मैंने वहां अभिभावकों के साथ पदयात्रा भी की।
संजय सिंह ने कहा कि इस दौरान देखा गया कि रास्ते में जंगल और जंगली जानवर जैसे बंदर आदि का भी खतरा मौजूद है। आप सांसद ने कहा कि बच्चों के भविष्य को बचाने और स्कूलों को बंद करने से रोकने की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी ने सड़क पर उतर कर भी संघर्ष किया, इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी का एक एक कार्यकर्ता शामिल हुआ।
संजय सिंह ने कहा कि मैंने स्वयं इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में भी बच्चों का स्कूल बंद न करने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा की जिन गांवों में स्कूल बंद किया जा रहे थे, वहां के लोगों, बच्चों और उनके अभिभावकों की ओर से एक ही आवाज उठ रही थी की इन मासूम नौनिहालों के स्कूल बंद ना किया जाए।