Lucknow: प्रतिबंधित कोडिन कफ सिरप की तस्करी के मामले में यूपी एसटीएफ (UP STF) ने फरार चल रहे बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। आलोक लंबे समय से एसटीएफ की पकड़ से दूर था और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था।
आशंका जताई जा रही थी कि वह विदेश भाग सकता है।
सोमवार सुबह ही उसके खिलाफ नए साक्ष्य सामने आने पर लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज एफआईआर में उसका नाम जोड़ा गया था। सूत्रों के अनुसार आलोक सिंह उत्तर प्रदेश के एक पूर्व सांसद का बेहद करीबी माना जाता है। अमित सिंह उर्फ अमित टाटा की गिरफ्तारी के बाद उसका नाम तेजी से सामने आया। कहा जा रहा है कि पूर्व सांसद के संरक्षण के कारण आलोक अब तक कार्रवाई से बचता रहा। लखनऊ निवासी आलोक सिंह का नाम जौनपुर की वोटर लिस्ट में भी शामिल है और उसके नाम से एसआईआर फॉर्म भरने तक की जानकारी जांच में मिली है। एसटीएफ इन सभी बिंदुओं की बारीकी से जांच कर रही है।
करीब छह दिन पहले एसटीएफ ने अमित सिंह उर्फ अमित टाटा को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से तस्करी का पूरा खेल सामने आने लगा। पुलिस की विवेचना में आलोक और अमित की कंपनियों के जीएसटी नंबर, बैंक विवरण और दस्तावेज पहले ही दर्ज थे, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई थी। वाराणसी और सोनभद्र पुलिस भी इस गिरोह तक प्रभावी तरीके से नहीं पहुंच सकी थी। गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को देखते हुए ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है।
एजेंसी ने एसआईटी, एसटीएफ और विभिन्न जिलों की पुलिस से एफआईआर और सभी जरूरी दस्तावेज तलब किए हैं। आरोपियों की संपत्ति की जांच के लिए विशेष टीम गठित कर दी गई है। एसआईटी ने पूरे गिरोह का गैंगचार्ट तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल, उसका नेटवर्क, ढांचे में शामिल सभी फर्जी कंपनियां, रजिस्ट्रेशन गवाह, लेन-देन करने वाले सभी व्यक्ति को चार्ट में शामिल किया जा रहा है।
कोलकाता एयरपोर्ट से शुभम के पिता की गिरफ्तारी
रविवार को सोनभद्र पुलिस ने तस्करी के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के पिता भोला जायसवाल को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। वह भी दुबई भागने की फिराक में था। शुभम जिस शैली ट्रेडर्स कंपनी के नाम पर सिरप सप्लाई कर रहा था, वह उसके पिता के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी। अब तक छह राज्यों में 11 फर्मों पर 98 केस दर्ज किए जा चुके हैं।
प्रतिबंधित कफ सिरप सप्लाई से अरबों की कमाई
आलोक सिंह और अमित टाटा ने प्रतिबंधित कफ सिरप सप्लाई कर अरबों रुपये की अवैध कमाई की। इनके साथ जुड़े आरोपी फर्जी कंपनियों, फर्जी ई-बिल और फर्जी दस्तावेजों के जरिए लेन-देन कर रहे थे। इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल बताया जा रहा है, जो दुबई से इस तस्करी रैकेट को संभाल रहा था। वहीं पूर्वांचल का एक पूर्व बाहुबली सांसद भी इस नेटवर्क को संरक्षण देने के आरोपों के घेरे में है। बताया जा रहा है कि आलोक सिंह का नाम पहले भी गाजियाबाद में दर्ज एक मुकदमे में सामने आया था, लेकिन प्रभाव के चलते कार्रवाई नहीं की गई। पिछले वर्ष फरवरी में जब करोड़ों की कफ सिरप की खेप बरामद हुई थी, तब भी दर्ज एफआईआर में आलोक का नाम शामिल नहीं किया गया। लेकिन दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ को अमित की भूमिका के संकेत मिले।
