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डिजिटाइजेशन के खिलाफ हुए शिक्षक, कहा हम दबाव में नहीं करेंगे काम

डिजिटाइजेशन के खिलाफ शिक्षकों का हल्ला बोल, कहा- नहीं करेंगे काम, बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों की तरफ से जबरदस्ती और धमकी देकर थोफी जा रही डिजिटाइजेशन व्यवस्था

रायबरेली। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों पर जबरदस्ती अधिकारियों की तरफ से थोपी जा रही व्यवस्था के खिलाफ शिक्षकों ने एक सुर में कहा कि हम लोग डिजिटाइजेशन व्यवस्था को नहीं अपनाएंगे। मंगलवार को विकास भवन परिसर में एकत्रित हुए शिक्षकों ने कहा कि जब तक हम लोगों की मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब हम काम नहीं करेंगे।

एक ही बैनर तले एकत्रित होकर जिले के 10 शिक्षक संगठनों ने कहा कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक हम लोग ऑनलाइन काम नहीं करेंगे। बता दें, अधिकारियों की तरफ से जबरदस्ती और वेतन रोकने धमकी देकर थोफे जा रही डिजिटाइजेशन के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है।

शिक्षक संगठनों के जिलाध्यक्ष और पदाधिकारियों ने विकास भवन में शिक्षकों ने एक सुर में कहा अगर हम लोगों पर अधिकारी टैबलेट्स पर मैपिंग का जबरदस्ती वेतन रोकने की धमकी देकर दबाव बनाएंगे तो फिर हम लोग भी बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली से काम करेंगे। जिला स्तरीय समन्वय समिति व जूनियर शिक्षक संघ के संरक्षक समर बहादुर सिंह ने कहा कि सभी प्रधानाध्यापक, एआरपी और शिक्षक संकुल सारे एप्स को मोबाइल से डिलीट करके और वाट्सएप ग्रुप्स को छोड़कर सिर्फ पढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षक का अगर अधिकारी वेतन रोकते हैं तो हम लोग फिर से धरना प्रदर्शन यही विकास भवन में करेंगे।

 

अधिकारियों की तरफ से वेतन रोकने का पत्र जारी करके जबरदस्ती दबाव बनाए जाने के विरोध में मंगलवार को विकास भवन में उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उर्दू शिक्षक संघ, एससीएसटी शिक्षक संघ, आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन, प्राथमिक शिक्षामित्र संघ, महिला शिक्षक संघ, अनुदेशक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट बाबूराम को देते हुए कहा कि अधिकारियों का यह दबाब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी हम पर दबाव बनाएंगे तो हम लोग भी सभी ऑनलाइन कामों को छोड़कर विरोध करने लगेंगे। सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि हम आप लोगों की मांग से उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे।

जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने कहा कि विभाग की तरफ से डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था शोषणकारी है। इस व्यवस्था से शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को आये दिन शोषित होना होगा, जिससे भय व असुरक्षा के वातावरण में शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों के दबाव पर हम शिक्षकों ने निर्णय लिया है कि हम लोग सारे ऑनलाइन कामों को बंद कर देंगे। इंचार्ज प्रधानाध्यापक अपना पद छोड़कर सिर्फ अब अध्यापन का ही काम करेंगे।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि सरकार अपनी दमननीति से हम लोगों का शोषण करने जा रही है। महामंत्री शैलेश यादव ने कहा कि आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में “हाफ डे लीव” का प्राविधान की मांग की जा रही है, लेकिन अधिकारियों की तरफ से हम लोगों की मांग को ध्यान नहीं दिया है। डीपीए के महामंत्री अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि अधिकारियों के दबाव पर हम लोग भी सिर्फ और सिर्फ पढ़ाने का काम करेंगे। सुनील यादव ने कहा कि सारे ऐप को डिलीट करते हुए विभाग के सभी ग्रुप्स को भी छोड़ दिया जाएगा। सिर्फ विभाग के नियमों के हिसाब से ही काम किया जाएगा।

उर्दू शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मोइनुल हक ने कहा कि डिजिटाइजेशन व्यवस्था में शिक्षकों की मौलिक समस्याओं को नजरंदाज कर शिक्षक को मानव नहीं रोबोट समझते हुए लागू किया गया है। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष अजित सिंह और अजय प्रताप सिंह ने यह निर्णय लिया कि जब तक संगठनों द्वारा डिजिटाइजेशन की मौलिक समस्याओं के समाधान हेतु पूर्व में दिए गए ज्ञापन पत्रों में उल्लेखित मांगों का निस्तारण नहीं किया जाता है, तब तक जनपद का शिक्षक डिजिटाइजेशन व्यवस्था का पूर्ण बहिष्कार करेगा

इस मौके पर सुनील यादव, राजेश, शिवशरण सिंह, मधुकर सिंह, दिनेश, मेराज, उमाशंकर, सविता नागेंद्र, रामेश्वर, अंकित, केसी सोनकर, विक्रमादित्य सिंह, शिव कुमार सिंह, सुरेश सिंह, जयकरन सिंह, अनूप सिंह, हरिकेश यादव, अनुराम मिश्रा, संजय सिंह, विनोद यादव, सहित दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे।

शिक्षकों ने कहा नहीं करेंगे ये काम

1-मध्यान भोजन योजना से संबंधित समस्त सूचनाओं का आदान-प्रदान शिक्षक व कर्मचारी अपने मोबाइल से बंद कर देंगे।

2- जिले के सभी शिक्षक कार्मिक अपने मोबाइल से समस्त विभागीय ऐप अनइंस्टॉल व डिलीट कर देंगे।

3- इंचार्ज प्रधानाध्यापक का कार्य दायित्व निर्वहन कर रहे समस्त सहायक अध्यापक अपने इंचार्ज का दायित्व त्याग कर केवल सहायक अध्यापक के कार्य दायित्व का निर्वहन करेंगे।

4- जिले में समस्त शिक्षक संकुल/एआरपी/एस आर जी अपने-अपने पदों का त्याग कर अपने विद्यालय में अपना योगदान देंगे तथा डीसीएफ फॉर्म सहित किसी भी विभाग की सूचना से स्वयं को विरत कर लेंगे।

5- किसी भी विभागीय ऑनलाइन मीटिंग यथा यूट्यूब सेशन व गूगल मीट जूममीटिंग आदि का पूर्ण बहिष्कार शिक्षकों द्वारा किया जाएगा।

6- अवकाश के दिनों में किसी प्रकार का विभागीय अथवा गैर विभागीय कार्य शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा नहीं किया जाएगा।

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