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अब हर नए फोन में पहले से इंस्टॉल मिलेगा ‘Sanchar Saathi App’, सरकार ने कंपनियों को दिया कड़ा निर्देश

नई दिल्ली: स्मार्टफोन यूजर्स की सुरक्षा और साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल निर्माता कंपनियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अब से भारत में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में ‘Sanchar Saathi App’ पहले से इंस्टॉल (Pre-installed) होना अनिवार्य होगा। सरकार ने Apple, Samsung, Xiaomi, Vivo और Oppo जैसी दिग्गज कंपनियों को इसके लिए 90 दिनों का समय दिया है। इतना ही नहीं, यह ऐप फोन में इस तरह इंस्टॉल होना चाहिए कि यूजर इसे डिलीट न कर सके।

सरकार क्यों चाहती है हर फोन में यह ऐप?

बीते कुछ सालों में साइबर अपराध और मोबाइल चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। अक्सर अपराधी चोरी किए गए फोन का IMEI नंबर बदल देते हैं या फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड लेकर लोगों को ठगते हैं। सरकार का मानना है कि ‘संचार साथी’ (Sanchar Saathi) पहल के जरिए इन अपराधों पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। यह ऐप एक ‘डिजिटल ढाल’ की तरह काम करता है, जो सीधे तौर पर आम नागरिक को दूरसंचार विभाग के डेटाबेस से जोड़ता है।

क्या है संचार साथी ऐप (What is Sanchar Saathi App)?

संचार साथी, दूरसंचार विभाग (DoT) की एक नागरिक-केंद्रित पहल (Citizen-Centric Initiative) है। इसे मई 2023 में एक पोर्टल के रूप में शुरू किया गया था और अब यह एक ऐप के रूप में भी उपलब्ध है। इसका मुख्य उद्देश्य मोबाइल यूजर्स को सशक्त बनाना और उन्हें डिजिटल खतरों से बचाना है।

इस ऐप में कई ऐसे फीचर्स दिए गए हैं जो हर मोबाइल यूजर के लिए बेहद काम के हैं:

1. चोरी या गुम हुए फोन को ब्लॉक और ट्रैक करना (CEIR)

इस ऐप का सबसे बड़ा फीचर CEIR (Central Equipment Identity Register) है। अगर आपका फोन चोरी हो जाता है या खो जाता है, तो आप इस ऐप के जरिए उसकी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत दर्ज होते ही वह फोन पूरे भारत में किसी भी नेटवर्क पर काम करना बंद कर देगा (Block हो जाएगा)। जैसे ही कोई उस फोन में नई सिम डालेगा, उसकी लोकेशन पुलिस और आपको पता चल जाएगी।

2. आपके नाम पर कितने सिम चल रहे हैं? (TAFCOP)

कई बार फ्रॉड करने वाले आपकी ID का इस्तेमाल करके फर्जी सिम निकाल लेते हैं। इस ऐप में मौजूद TAFCOP (Telecom Analytics for Fraud Management and Consumer Protection) फीचर के जरिए आप सिर्फ अपना मोबाइल नंबर डालकर चेक कर सकते हैं कि आपके आधार या ID पर कुल कितने नंबर एक्टिव हैं। अगर आपको कोई अनजान नंबर दिखता है, तो आप उसे वहीं से रिपोर्ट करके बंद करवा सकते हैं।

3. पुराना फोन खरीदने से पहले जांच (KYM)

अगर आप कोई सेकंड हैंड या पुराना फोन खरीद रहे हैं, तो ‘Know Your Mobile’ (KYM) फीचर बहुत काम आता है। आप फोन का IMEI नंबर डालकर यह चेक कर सकते हैं कि वह फोन चोरी का तो नहीं है या ब्लैकलिस्टेड तो नहीं है।

4. संदिग्ध कॉल और मैसेज की रिपोर्टिंग (Chakshu)

ऐप में ‘चक्षु’ (Chakshu) नाम का एक फीचर भी जोड़ा गया है। अगर आपके पास लॉटरी, बैंक फ्रॉड या किसी तरह का संदिग्ध कॉल/मैसेज आता है, तो आप स्क्रीनशॉट के साथ तुरंत इस ऐप पर उसकी शिकायत कर सकते हैं।

इंडस्ट्री और प्राइवेसी पर बहस

सरकार के इस आदेश के बाद स्मार्टफोन इंडस्ट्री में हलचल है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Apple जैसी कंपनियां जो अपनी प्राइवेसी पॉलिसी के तहत किसी भी थर्ड-पार्टी या सरकारी ऐप को पहले से इंस्टॉल करने (Pre-loading) से बचती हैं, उनके लिए यह आदेश एक चुनौती हो सकता है। हालांकि, सरकार का तर्क है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की साइबर सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना अनिवार्य है।

यूजर्स के लिए क्या बदलेगा?

आम यूजर्स के लिए यह एक राहत की खबर है। अब उन्हें सुरक्षा के लिए अलग-अलग वेबसाइट्स पर भटकना नहीं पड़ेगा। फोन में इनबिल्ट ऐप होने से वे आसानी से अपनी सिम और डिवाइस की सुरक्षा खुद मॉनिटर कर सकेंगे। आंकड़ों के मुताबिक, संचार साथी पोर्टल की मदद से अब तक लाखों चोरी हुए फोन ब्लॉक किए जा चुके हैं और करोड़ों फर्जी मोबाइल कनेक्शन काटे जा चुके हैं।

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