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शिक्षकों कर्मचारियों ने काली पट्टी बाँधकर किया कार्य, नई पेंशन पर जताया विरोध

एनपीएस एवं यूपीएस से नाराज़ हैं सभी सरकारी कर्मचारी, लम्बे समय से कर रहे हैं पुरानी पेंशन बहाली की माँग

रायबरेली। मंगलवार को नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के राष्ट्रीय आवाह्न एवं अटेवा पुरानी पेंशन बचाओ मंच के प्रान्तीय आवाह्न पर अटेवा रायबरेली की ओर से नेशनल पेंशन स्कीम, यूनिफाइड पेंशन स्कीम एवं निजीकरण के विरोध में काला दिवस का आयोजन किया गया।

जिसके अन्तर्गत सभी विभागों एवं सभी संगठनों के समस्त शिक्षक, कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने अपने अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बाँधकर कार्य किया एवं कार्यालय समयोपरान्त प्रधानमंत्री भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया।

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जिलाध्यक्ष इरफ़ान अहमद, ज़िला संयोजिका सरला वर्मा, महामंत्री राजकुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष अंजनी मौर्या, संजय मधेशिया एवं संरक्षक सुरेन्द्र वर्मा ने कहा नेशनल पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम न तो शिक्षक कर्मचारियों के ही हित में है और न ही देश व प्रदेश के हित में है।

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अब तो एनपीएस के दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं जिसके अंतर्गत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 800, 1200, 1500 व 2800 पेन्शन के रूप में प्राप्त हो रहे हैं। जिससे वे अपने ख़र्च भी पूरे करने में अक्षम हैं परिवार का भरण पोषण तो दूर की बात है। इसी वजह से देश।के करोड़ों शिक्षक कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए लम्बे समय से संघर्षरत हैं।

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मीडिया प्रभारी मोहम्मद नसीम, प्रवक्ता मयंक वर्मा, शशिबाला सिंह, मंत्री अनिल यादव व सुनील मिश्रा ने कहा आगामी 01 मई 2025 को मज़दूर दिवस के अवसर पर पूरे देश के शिक्षक कर्मचारी पुरानी पेन्शन की बहाली के लिए एनएमओपीएस एवं अटेवा के बैनर तले जन्तर मन्तर दिल्ली में एकत्रित होकर अपने अधिकार की आवाज़ को पुनः बुलन्द करेंगे।

इससे बड़ा अन्याय और क्या होगा कि जो अर्द्धसैनिक बल अपना सर्वश्रेष्ठ अपने देश के लिए न्योछावर कर देता है और शिक्षक-कर्मचारी अपने जीवन के स्वर्णिम काल के 30-35 साल देश व प्रदेश की सेवा में व्यतीत कर देता है उन्हें वृद्धावस्था में सरकार द्वारा निजी कंपनियों के रहमो करम पर छोड़ दिया जाए।

अविनाश यादव, शीतांशु सोनकर, विक्रम सिंह, आशुतोष यादव, योगेन्द्र यादव ने कहा यूपीएस व्यवस्था लाकर सरकार ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि एनपीएस एक दोषपूर्ण व्यवस्था थी।

यूपीएस के प्रावधानों को देखकर यही लगता है कि यह व्यवस्था भी भविष्य में शिक्षक-कर्मचारी के साथ साथ देश के लिए भी एक घातक व्यवस्था साबित होगी। अतः सरकार को अन्य व्यवस्थाओं को लाने की बजाए पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुनः लागू करने पर विचार करना चाहिए।

आज के कार्यक्रम में ममता यादव, सुमन सिंह, अर्चना वर्मा, सरोजिनी तिवारी, निरुपम विक्टर, बृजेश प्रजापति, राजेश मौर्या, इन्द्रसेन यादव, आत्माराम, सर्वेश पटेल, शत्रुघ्न कुमार, राजकुमार सिंह, सरफ़राज़ अहमद, नाज़िम अहमद, शैलेन्द्र वर्मा आदि शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे।

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