हाईवे और शहरों में साइक्लिंग को मिले समुचित स्थान – साइक्लोमैड फिट इंडिया की केंद्र सरकार से मांग

नई दिल्ली, 30 जून 2025: साइक्लोमैड फिट इंडिया (Cyclomed fit India) के संस्थापक डॉ. अनिल नौसरान ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखकर भारत में सुरक्षित साइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (Safe cycling infrastructure) विकसित करने की मांग की है।
इस पहल का उद्देश्य साइक्लिंग को बढ़ावा देकर प्रदूषण, ग्लोबल वॉर्मिंग, ट्रैफिक जाम और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों जैसे मधुमेह, मोटापा और हृदय रोगों से निपटना है। साइक्लिंग (Cycling) से प्रदूषण, ट्रैफिक जाम और लाइफस्टाइल बीमारियों में कमी आएगी। भारत में हर साल 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं, जिसमें समर्पित साइक्लिंग लेन सुरक्षा बढ़ा सकती है।
डॉ. नौसरान ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि साइक्लिंग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और शहरी ट्रैफिक की समस्या को कम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। उन्होंने भारत को एक “साइक्लिंग फ्रेंडली राष्ट्र” बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की है।
साइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मुख्य सुझाव
डॉ. नौसरान ने अपने पत्र में निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
- समर्पित साइक्लिंग लेन: हाईवे और शहरों में सुरक्षित और समर्पित साइक्लिंग लेन का निर्माण।
- पार्किंग और सुरक्षा संकेत: साइकिल पार्किंग की व्यवस्था और सड़कों पर स्पष्ट सुरक्षा संकेतों की स्थापना।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट से एकीकरण: साइक्लिंग को मेट्रो, बस और अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों से जोड़ने की नीति।
- जागरूकता अभियान: नागरिकों में साइक्लिंग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान।
सड़क दुर्घटनाओं का गंभीर खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। इनमें साइकिल सवारों की संख्या भी शामिल है, जो असुरक्षित सड़कों और समर्पित लेन की कमी के कारण खतरे में रहते हैं। समर्पित साइक्लिंग लेन न केवल साइकिल सवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में भी मदद करेगी।
साइक्लिंग के लाभ
डॉक्टर्स के अनुसार साइक्लिंग एक शून्य-उत्सर्जन परिवहन साधन है, जो कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है। यह न केवल पर्यावरण (Environment) के लिए फायदेमंद है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। साइक्लिंग से मधुमेह, उच्च रक्तचाप और तनाव जैसी समस्याओं में कमी आती है। इसके अलावा, यह शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम को कम करने में भी सहायक है।
सरकार से उम्मीद
डॉ. नौसरान ने उम्मीद जताई कि नितिन गडकरी इस मांग को गंभीरता से लेंगे और भारत में साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत और बुनियादी ढांचागत बदलाव करेंगे। उन्होंने कहा, “साइक्लिंग को बढ़ावा देना केवल एक परिवहन विकल्प नहीं, बल्कि एक स्वस्थ, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
साइक्लोमैड फिट इंडिया (Cyclomed Fit India) ने इस मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। संगठन का मानना है कि यदि सरकार और नागरिक मिलकर इस दिशा में काम करें, तो भारत जल्द ही एक साइक्लिंग फ्रेंडली राष्ट्र बन सकता है।