“टीबी मुक्त लखनऊ” अभियान: प्रदीप गंगवार ने 51 और मरीजों को लिया गोद

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के उप नर्सिंग अधीक्षक प्रदीप गंगवार ने “टीबी मुक्त लखनऊ” अभियान को और आगे बढ़ाते हुए कैंट स्थित छावनी संयुक्त चिकित्सालय के 51 टीबी मरीजों को गोद लिया। पिछले एक माह में उन्होंने 72 मरीजों को गोद लिया है। इस तरह, अब तक 123 मरीज उनके संरक्षण में आ चुके हैं।
समाज की सहभागिता से पोषण सहायता
टीबी मरीजों को हर माह पोषक आहार की एक पोटली वितरित की जाती है, जिसमें गुड़, चना, मूंगफली, सोयाबीन, मखाना, दलिया, तिल के लड्डू, अंडे, सत्तू आदि शामिल होते हैं। इस पहल में समाज के कई संवेदनशील नागरिक भी सहयोग कर रहे हैं, जिनमें श्री विकास वर्मा, श्रीमती मधुलिका सिंह, श्रीमती अनीता राठौर, नरेंद्र मौर्य, अनूप कुमार, मोहिनी और संतोष जैसे लोग शामिल हैं।

गंगा जल का वितरण, आध्यात्मिक बल प्रदान करने की पहल
आज के कार्यक्रम में प्रदीप गंगवार ने अपने गोद लिए मरीजों को महाकुंभ से लाया गया त्रिवेणी संगम का गंगा जल भी वितरित किया। उन्होंने कहा कि जो मरीज टीबी के कारण महाकुंभ नहीं जा सके, उनके लिए यह जल आस्था और मानसिक ताकत का प्रतीक बनेगा। संगम का जल पाकर कई मरीज भावुक हो गए और गंगवार की इस पहल की सराहना की।
101 मरीज गोद लेने का लक्ष्य
अंतर्राष्ट्रीय टीबी दिवस तक प्रदीप गंगवार का लक्ष्य 101 मरीजों को गोद लेने का है। जिला क्षय अधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंघल ने कहा कि यह किसी भी सरकारी या निजी संस्थान के कर्मचारी द्वारा की गई सबसे बड़ी पहल है। छावनी संयुक्त चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. एस.सी. जोशी ने उन्हें “टीबी चैंपियन” की उपाधि से सम्मानित किया।
टीबी से ग्रसित होने के बावजूद सेवा का संकल्प
प्रदीप गंगवार स्वयं 2011 में टीबी से ग्रसित हो चुके हैं, लेकिन इस बीमारी को हराने के बाद उन्होंने संकल्प लिया कि वे टीबी मुक्त लखनऊ अभियान में अपनी पूरी शक्ति लगाएंगे। नोडल अधिकारी डॉ. कीर्ति सक्सेना ने कार्यक्रम में मौजूद मरीजों को टीबी के सही उपचार और जागरूकता के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर ज़िला क्षय अधिकारी डॉ. अशोक सिंघल, छावनी संयुक्त चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. एस.सी. जोशी, नोडल अधिकारी डॉ. कीर्ति सक्सेना, श्री अभय मित्रा, लोकेश वर्मा, राजीव कुमार और राजेश शर्मा सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
“टीबी मुक्त लखनऊ” अभियान में प्रदीप गंगवार की यह पहल एक मिसाल बन रही है, जो समाज के अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रही है।”
