उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर आर्मी डॉक्टर ने कम संसाधनों में कराई महिला की सुरक्षित डिलीवरी

JHANSI: उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर आज एक असाधारण और प्रेरणादायक घटना घटी, जब मिलिट्री हॉस्पिटल (एमएच) झांसी के आर्मी डॉक्टर मेजर रोहित ने अपनी त्वरित सूझबूझ और मानवीय संवेदना से एक गर्भवती महिला की आपात स्थिति में सुरक्षित डिलीवरी करवाई। सीमित संसाधनों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, मेजर रोहित ने न केवल मां और नवजात की जान बचाई, बल्कि सेना के सेवा भाव और कर्तव्यनिष्ठा का एक शानदार उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
घटना का विवरण
आज सुबह करीब 9:30 बजे झांसी रेलवे स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया, जब एक गर्भवती महिला, जिसकी पहचान रानी देवी (28 वर्ष) के रूप में हुई, को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। रानी अपने परिवार के साथ एक ट्रेन में यात्रा कर रही थीं, जो स्टेशन पर कुछ समय के लिए रुकी थी। अचानक बढ़ती प्रसव पीड़ा के कारण वह ट्रेन से उतरकर प्लेटफॉर्म पर ही बैठ गईं। स्थिति गंभीर थी, और आसपास कोई चिकित्सा सुविधा तुरंत उपलब्ध नहीं थी।
संयोगवश, मेजर रोहित, जो उस समय रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे, ने स्थिति की गंभीरता को समझा और बिना देर किए महिला की मदद के लिए आगे आए। मेजर रोहित, जो एक अनुभवी चिकित्सक हैं, ने तुरंत भीड़ को नियंत्रित करने और महिला को एक सुरक्षित स्थान पर ले जाने का निर्देश दिया। स्टेशन पर मौजूद रेलवे कर्मचारियों और कुछ यात्रियों ने भी उनकी मदद की, जिससे एक अस्थायी व्यवस्था तैयार की गई।
सीमित संसाधनों में असाधारण प्रयास
मेजर रोहित के पास उस समय कोई उन्नत चिकित्सा उपकरण या सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। उनके पास केवल बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा किट थी, जो आमतौर पर आर्मी डॉक्टर अपने साथ रखते हैं। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी विशेषज्ञता और शांतचित्त रहकर स्थिति को संभाला। स्टेशन पर मौजूद कुछ साफ कपड़ों और पानी की बोतलों का उपयोग करते हुए, उन्होंने प्रसव प्रक्रिया को शुरू किया।
मेजर रोहित ने बताया, “स्थिति बहुत नाजुक थी। महिला को तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत थी, और समय बर्बाद करने का कोई विकल्प नहीं था। मैंने अपनी ट्रेनिंग और अनुभव का उपयोग करके यह सुनिश्चित किया कि मां और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें।”
लगभग 30 मिनट की कठिन प्रक्रिया के बाद, मेजर रोहित ने सफलतापूर्वक एक स्वस्थ बच्ची की डिलीवरी करवाई। नवजात और मां दोनों की स्थिति स्थिर थी, जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल में उचित चिकित्सा के लिए स्थानांतरित किया गया।
रेलवे कर्मचारियों और यात्रियों की भूमिका
इस पूरी घटना में रेलवे कर्मचारियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्टेशन मास्टर ने तुरंत स्थानीय अस्पताल और एम्बुलेंस सेवाओं से संपर्क किया, ताकि मां और बच्चे को जल्द से जल्द उचित चिकित्सा सुविधा मिल सके। कुछ यात्रियों ने भी अपनी ओर से मदद की, जैसे कि साफ कपड़े और पानी उपलब्ध करवाना, जिससे मेजर रोहित को प्रसव प्रक्रिया में सहायता मिली।
मां और बच्चे की स्थिति
अस्पताल में प्रारंभिक जांच के बाद, डॉक्टरों ने पुष्टि की कि मां और नवजात बच्ची दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। रानी ने मेजर रोहित और उनकी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं बहुत डर गई थी, लेकिन डॉक्टर साहब ने मेरी और मेरी बेटी की जान बचाई। उनके बिना यह संभव नहीं था।”
सेना की सेवा भावना का प्रतीक
मेजर रोहित का यह कार्य न केवल उनकी चिकित्सकीय कुशलता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय सेना की उस भावना को भी उजागर करता है, जो हमेशा देश और समाज की सेवा के लिए तत्पर रहती है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि सेना के जवान न केवल युद्ध के मैदान में, बल्कि आम जीवन में भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हैं।
झांसी के मिलिट्री हॉस्पिटल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मेजर रोहित ने न केवल अपनी पेशेवर क्षमता दिखाई, बल्कि मानवता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी साबित किया। हमें उन पर गर्व है।”
स्थानीय प्रशासन और समाज की प्रतिक्रिया
इस घटना की खबर फैलते ही स्थानीय प्रशासन और आम लोगों ने मेजर रोहित की जमकर सराहना की। सोशल मीडिया पर भी उनकी इस बहादुरी और सेवा भावना की चर्चा हो रही है। कई लोगों ने इसे एक प्रेरणादायक उदाहरण बताते हुए कहा कि यह घटना समाज में सकारात्मकता और मानवता का संदेश देती है।