मध्यप्रदेश में डायल-112: एफआरवी सेवा के डिजिटल कायाकल्प की तैयारी, 15 अगस्त से शुरू होगी नई व्यवस्था
Dial 112 संचालन के लिए नई कंपनी EMRI GHS के साथ सरकार ने किया अनुबंध, कंपनी कई राज्यों संचालित करती है डायल 112, 108 एंबुलेंस व 102 एंबुलेंस सेवाएं

Bhopal: उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार अब ‘डायल-100’ को चरणबद्ध तरीके से बंद कर ‘डायल-112’ के रूप में नया और उन्नत फर्स्ट रिस्पॉन्स सिस्टम (एफआरवी) शुरू करने जा रही है। यह सेवा पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सहायता को एकीकृत (integrate) करते हुए एक ही नंबर पर उपलब्ध कराएगी। इस परियोजना की जिम्मेदारी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज (EMRI Green Health Services) को सौंपी गई है। कंपनी को 30 मई को वर्कऑर्डर दिया गया और 2 जून को पुलिस विभाग के साथ अनुबंध भी साइन हो चुका है।
75 दिन में होगा बड़ा बदलाव
नई कंपनी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज (EMRI Green Health Services) को अगले 75 दिनों के भीतर 1200 एफआरवी गाड़ियां खरीदनी हैं और अत्याधुनिक कंट्रोल रूम तैयार करना है। इसके साथ ही स्टाफ की भर्ती पूरी करनी है। सरकार का लक्ष्य है कि 15 अगस्त 2025 तक यह नई सेवा पूरी तरह से शुरू हो जाए। गौरतलब है कि ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज पहले से ही उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, दिल्ली सहित 17 राज्यों में 108 एम्बुलेंस, 102 एम्बुलेंस सेवा, डायल 112, 1962 एमवीयू सहित अन्य सेवाओं का संचालन कर रही है।
ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज का रिस्पांस टाइम उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश से कहीं अधिक बेहतर है। उम्मीद जताई जा रही है नई कंपनी के संचालन शुरू करने पर मध्य प्रदेश में डायल 112 के साथ ही एम्बुलेंस सेवाओं के रिस्पांस टाइम पर काफी सुधार आएगा।
डायल-100 की मौजूदा स्थिति
अब तक 8.70 करोड़ कॉल डायल-100 पर आ चुकी हैं।
- 1.88 करोड़ मामलों में एफआरवी मौके पर पहुंची,
- 18.76 लाख महिलाओं को सहायता मिली,
- 11.89 लाख सड़क हादसों में एफआरवी मौके पर पहुंची,
- 2.53 लाख आत्महत्या की धमकी वाले मामलों में समय पर मदद पहुंची,
- 2.11 लाख वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिली।
क्यों लाया गया डायल-112 ?
मध्य प्रदेश में डायल-100 सेवा नवंबर 2015 में शुरू हुई थी और इसका अनुबंध मार्च 2020 में समाप्त हो गया था। इसके बाद 57 महीनों में आठ बार सेवा विस्तार दिया गया, लेकिन बार-बार टेंडर रद्द होने के कारण इसे एक्सटेंशन पर ही चलाया जाता रहा। अब जनवरी 2024 में तीसरा टेंडर कैंसिल होने के बाद नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया।
डायल-112 इसलिए चुना गया क्योंकि यूरोप की तर्ज पर इंडिया में भी 112 को एक इमरजेंसी नंबर के रूप में व्यापक मान्यता दी गई है।उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र जैसे शहरों में पहले से ही डायल 112 संचालित की जा रही है। भविष्य में डायल 112 से ही पुलिस, एम्बुलेंस, फायर सहित अन्य इमरजेंसी सेवाएं एकीकृत हो जाएंगी।
नई सेवाओं की विशेषताएं
- सभी कॉल डायल-112 कंट्रोल रूम में लैंड करेंगी, और संबंधित सेवा (पुलिस, एंबुलेंस, फायर) से सीधे कनेक्ट होंगी।
- शहरी क्षेत्रों में बोलेरो नियो प्लस एफआरवी गाड़ियां दौड़ेंगी जिनमें पहले से स्ट्रेचर लगे होंगे।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरत पड़ने पर स्ट्रेचर अलग से लगाए जाएंगे।
- नया कंट्रोल रूम एक साथ 100 कॉल ले सकेगा, जिसके लिए 100 कॉल सीट का कॉल सेंटर होगा।
नई कंपनी के सामने चुनौतियां
सूत्रों के मुताबिक, इतने कम समय में इतना बड़ा सेटअप तैयार करना आसान नहीं है। पहले भी केवल कंट्रोल रूम तैयार करने में 6 महीने लगे थे। अब 1200 गाड़ियों की खरीदी, मॉडिफिकेशन, विदेशी सर्वर इंस्टालेशन, नई भर्तियों और सभी जिलों में संचालन की तैयारी बहुत सीमित समय में पूरी करनी होगी। हालांकि हाल ही में उत्तर प्रदेश में नई 2500 एम्बुलेंस खरीद कर उन्हें 108 व 102 के बेड़े में शामिल किया गया है। ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज ने रिकार्ड समय में गाडि़यां फैब्रीकेट कर उन्हें सरकार से लांच करा दिया। मध्य प्रदेश में आने वाली गाडि़यां छोटी हैं और इनमें कोई मॉडीफिकेशन भी नहीं होना है। इसलिए माना जा रहा है कि नई कंपनी तय डेडलाइन से पहले सेवा शुरू कर देगी।