उप मुख्यमंत्री ने डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का किया शुभारंभ
प्रदेश में मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों का परिणाम है कि डेंगू व मलेरिया काबू में हैं। डेंगू की मृत्यु दर 93 प्रतिशत और मलेरिया के कुल केसेज में 58 फीसदी की कमी आई है। यह कहना है प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का।
रविवार को अलीगंज के अर्बन सीएचसी में पांच से 31 अक्टूबर तक संचालित विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं 11 से 31 अक्टूबर तक संचालित घर-घर दस्तक अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के माध्यम से डेंगू और मलेरिया पर करारा वार किया है। व्यापक स्तर पर इस अभियान का संचालन प्रदेश स्तर पर किया जा रहा है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं घर-घर दस्तक अभियान से इन बीमारियों की रोकथाम में काफी मदद मिली है।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि 2017 के मुकाबले एईएस रोगियों की मृत्युदर में 98 प्रतिशत और जेई रोगियों की मृत्युदर में 97 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा, डेंगू की मृत्यु दर 93 फीसदी और मलेरिया के कुल केसेज में 58 फीसदी की कमी आई है। वर्ष 2017 से पहले स्वास्थ्य विभाग की क्या स्थिति थी, यह किसी से छिपी नहीं है।
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उप मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों के उपचार एवं रोकथाम के लिए जागरूकता रैली भी निकाली। रैली में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल रहे। साथ ही फॉगिंग मशीनों को भी रवाना किया गया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस और दिमागी बुखार जैसे रोगों पर नियंत्रण पाने के लिए 13 विभागों के तहत संयुक्त रूप से यह अभियान चलाया जा रहा है।
सीएचसी का किया निरीक्षण
उपमुख्यमंत्री ने अलीगंज की अर्बन सीएचसी का निरीक्षण कर जनस्वास्थ्य सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। इस अवसर पर विधायक नीरज बोरा, प्रमुख सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण) अमित कुमार घोष, महानिदेशक, स्वास्थ्य डा रतनपाल सिंह सुमन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा एनबी सिंह, डा एपी सिंह, डा गोपी लाल, डा रितु श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
एंबुलेंस का औसतन रेस्पांस टाइम घटा
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 से पहले 108 एंबुलेंस का औसत रेस्पांस टाइम 16.40 मिनट था जो अब घटकर 7.7 मिनट हो गया है। वहीं, 102 एंबुलेंस का रेस्पांस टाइम 9.5 मिनट से घटकर 6.25 मिनट हो गया। अब यूपी देश में एंबुलेंस के सबसे कम रिस्पांस टाइम के मामले में पहले नंबर पर है, जिससे लाखों मरीजों की जान बचाई गई है।