Lucknow: केजीएमयू (King George’s Medical University) में धर्मांतरण (Religious Conversion) का मामला आग पकड़ता जा रहा है। मंगलवार को कुलपति डॉ सोनिया नित्यानंद (VC Dr. Sonia Nityanand) के खिलाफ जमकर प्रर्दशन हुआ। केजीएमयू प्रशासन के स्तर इस प्रकरण के दबाने का आरोप लगाते हुए लोगों ने सुशांत गोल्फ सिटी चौराहे के पास केजीएमयू कुलपति का पुतला फूंका। इसमें कुछ डॉॅॅक्टर भी शामिल हुए।
मालूम हो कि केजीएमयू के पैथालॉजी विभाग (Pathology Department) के रेजीडेंट डाक्टर पर एक महिला रेजीडेंट ने शादी का झांसा देकर सम्बंध बनाने और धर्मांतरण कराने की कोशिश का आरोप लगाया है। इसे लेकर चौक पुलिस में मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है। केजीएमयू प्रशासन ने मामले की जांच के एक सात सदस्यीय कमेटी गठित की है। हालांकि इस प्रकरण में लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार की शाम कुछ लोग सुशांत गोल्फ सिटी चौराहा के पास एकत्र हुए और केजीएमयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। बताया जा रहा है कि इस प्रदर्शन में कई निजी चिकित्सक भी शामिल हुए।
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आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केजीएमयू प्रशासन गंभीर आपराधिक मामलों में निष्पक्ष कार्रवाई करने के बजाय आरोपियों को संरक्षण दे रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि केजीएमयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में महिला सुरक्षा, नैतिकता और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों को जानबूझकर दबाया जा रहा है।
आरोप है कि जांच प्रक्रियाओं में लापरवाही बरती गई और कुछ मामलों में आरोपियों को सबूत मिटाने तक का मौका दिया गया, जिससे पीडि़तों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन और शासन की होगी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक दोषियों पर कड़ी और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें-
- केजीएमयू में चल रहे कथित धर्मांतरण रैकेट की जांच के लिए बनाई गई कमेटी को भंग करते हुए एसटीएफ से निष्पक्ष जांच कराई जाए।
- बलात्कार के आरोपी रमीज की गिरफ्तारी की जाए।
- विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में महिलाओं के उत्पीडऩ के मामलों की दबी फाइलें खोलकर निष्पक्ष जांच हो।
- जांच में लापरवाही और आरोपी शिक्षक को सबूत मिटाने का अवसर देने के लिए केजीएमयू की कुलपति से इस्तीफा लिया जाए।
- वाइस चांसलर कार्यालय में नियम विरुद्ध नियुक्त किए गए व्यक्ति की नियुक्ति रद्द की जाए।
- संविदा कर्मचारी को परमानेंट पेंशन की अनियमितता के लिए वाइस चांसलर के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
