सीज़फायर (Ceasefire) के कुछ घंटों बाद ही भारत-पाकिस्तान के बीच फिर तनाव
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New Delhi: शनिवार शाम भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर (Ceasefire) की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने श्रीनगर से लेकर, कच्छ गुजरात और राजस्थान बार्डर पर गोलाबारी की और उसके ड्रोन देखे गए।
शनिवार देर रात भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, “हम जिस समझौते पर पहुँचे हैं, उसका लगातार उल्लंघन हो रहा है।” दूसरी ओर, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे सीज़फायर के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, भले ही भारत कुछ क्षेत्रों में इसका उल्लंघन कर रहा हो।
जमीन पर हालात तनावपूर्ण
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर सवाल उठाया, “सीज़फायर (Ceasefire) का क्या हुआ? चारों ओर धमाकों की आवाज़ें आ रही हैं।”
कुछ देर बाद ही उन्होंने दोबारा लिखा This is no ceasefire. The air defence units in the middle of Srinagar just opened up.
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि कच्छ ज़िले में कई ड्रोन देखे गए हैं और वहाँ ब्लैकआउट की तैयारी की जा रही है।
पाकिस्तान का बयान और ‘ऐतिहासिक जीत’ की घोषणा
सीज़फायर की घोषणा के बाद शनिवार देर रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने इसे पाकिस्तान की “ऐतिहासिक जीत” बताया और सेना तथा सशस्त्र बलों को बधाई दी। शरीफ़ ने कहा, “अगर कोई हमारी स्वतंत्रता को चुनौती देगा, तो हम अपनी रक्षा के लिए कुछ भी करेंगे।” उन्होंने भारत पर लगाए गए आरोपों को ‘निराधार’ बताया और स्वतंत्र जांच की मांग की।
भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश सचिव मिसरी ने एक विशेष प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हमने आज शाम सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई थी, लेकिन पाकिस्तान की ओर से लगातार उल्लंघन हो रहा है।” उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारतीय सेना पूरी तैयारी में है और किसी भी अतिक्रमण का सख़्ती से जवाब दिया जाएगा।
“पिछले कुछ दिनों से हो रही सैन्य कार्रवाई को रोकने का समझौता आज शाम को हुआ था. पिछले कुछ घंटों से पाकिस्तान की तरफ़ से इस समझौते का घोर उल्लंघन हो रहा है.”
“भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है और इस सीमा अतिक्रमण से निपट रही है. ये अतिक्रमण अत्यंत ही निंदनीय है और पाकिस्तान इसके लिए ज़िम्मेदार है.”
“हमारा मानना है कि पाकिस्तान इस स्थिति को ठीक से समझे और इस अतिक्रमण को रोकने के लिए तुरंत उचित कार्रवाई करे.”
“सेना ने इस स्थिति पर कड़ी नज़र रखी हुई है और उसे किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए ठोस और सख़्त कदम उठाने के लिए आदेश दे दिए गए हैं.”
विक्रम मिसरी, विदेश सचिव , भारत
पाकिस्तान की सफाई
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनकी सेना संयम से काम ले रही है और बातचीत के ज़रिए मसले सुलझाना चाहती है। उन्होंने ज़मीनी सैनिकों से भी संयम बरतने की अपील की।
“पाकिस्तान ईमानदारी से सीज़फ़ायर का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत की ओर से कुछ क्षेत्रों में किए जा रहे उल्लंघनों के बावजूद हमारी सेना ज़िम्मेदारी और संयम के साथ स्थिति को संभाल रही है.”
“हमारा मानना है कि सीज़फ़ायर के पालन में आ रही किसी भी समस्या का समाधान बातचीत के ज़रिए निकाला जाना चाहिए.”
“ज़मीन पर मौजूद सैनिकों को भी संयम बरतना चाहिए.”
इसहाक़ डार, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ,पाकिस्तान
अमृतसर रेड अलर्ट पर
रविवार सुबह अमृतसर में सायरन बजाए गए। डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने एडवाइज़री जारी करते हुए बताया कि बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लेकिन ज़िला अभी भी रेड अलर्ट पर है। नागरिकों को घरों में रहने और खिड़कियों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
तनाव की शुरुआत और सैन्य कार्रवाई
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने स्वतंत्र जांच की मांग की। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कई राजनयिक और जल समझौते निलंबित कर दिए।
भारत ने 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 ठिकानों पर हमले किए और बड़ी संख्या में आतंकी ठिकानों और उनके ट्रेनिंग सेंटर्स को नेस्तनाबूद कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन बुनयान मरसूस’ की शुरुआत की। जिसके बाद से बार्डर पर लगातार युद्ध की स्थिति बनी हुई थी और गोलाबारी जारी थी।
सीज़फायर में अमेरिका और चीन की भूमिका
शनिवार शाम करीब 5:30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ सोशल पर सीजफायर की घोषणा की।
इसके तुरंत बाद अमेरिकी विदेश मंत्री, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की।
हालाँकि भारतीय सेना ने साफ़ किया कि वह समझौते का पालन करेगी, लेकिन भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए सतर्क रहेगी।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “भारत आतंकवाद के हर रूप के ख़िलाफ़ कठोर और अडिग रुख़ अपनाता रहा है और आगे भी अपनाएगा।”