KGMU में अंगदान को लेकर जागरूकता वॉकाथन का आयोजन

Lucknow: उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में बुधवार सुबह एक विशेष अंगदान जन-जागरूकता वॉकाथन का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वीसी प्रो. सोनिया नित्यानंद द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के तहत कार्यक्रमों की श्रंखला में वॉकथन केजीएमयू प्रशासनिक भवन से शुरू होकर रूमी गेट तक पहुँचा।
इस जागरूकता वॉकाथन का उद्देश्य अंगदान के महत्व को रेखांकित करना, इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और लोगों में सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देना था। इसमें केजीएमयू के चिकित्सा विशेषज्ञों, फैकल्टी, छात्र-छात्राओं, और आमजन ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
वरिष्ठ चिकित्सकों का मार्गदर्शन
कार्यक्रम में केजीएमयू (kgmu) के डीन, प्रो. आर.ए.एस. कुशवाहा, आलम्बन एसोसिएट्स के प्रेसीडेंट संदीप कुमार, आब्स एंंड गायनी विभाग की एचओडी प्रो. सुजाता, नेेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो. विश्वजीत सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रो. क्षितिज श्रीवास्तव, रेस्पीरेटरी विभाग के प्रो. संतोष कुमार, डॉ. नरेन्द्र देव, डॉ. दिनेश कौशल, डॉ. राकेश दीवान, डॉ. सुनीता सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने अंगदान को लेकर जागरूकता संदेश दिए।
वॉकाथन के दौरान प्रो. आरएएस कुशवाहा ने अंगदान के महत्व, इसके माध्यम से जिंदगियां बचाने, अंगदान को लेकर लोगों में फैली भ्रांतियां दूर करने तथा आम जनता में जागरूकता के अभाव को दूर करने के बारे में विस्तार से बताया।
अंगदान के आँकड़े और चुनौतियाँ
आलम्बन एसोसिएट्स के प्रेसीडेंट संदीप कुमार ने बताया कि भारत में अंगदाताओं की संख्या में पिछले वर्षों में वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में अंगदान करने वालों की संख्या 6,916 थी, जो 2022 तक बढ़कर 16,041 हो गई है। इसके बावजूद, अंगप्रत्यारोपण के लिए इंतजार कर रहे रोगियों की तुलना में यह संख्या बेहद कम है।
संस्था की सचिव प्रो. सुजाता देव ने बताया कि महिलाओं की भागीदारी अंगदान क्षेत्र में अग्रणी है। डॉ. विश्वजीत सिंह ने बताया कि सही खानपान से किडनी को बचाया जा सकता है। डोनर की कमी से ट्रांसप्लांट की गति धीमी है। आब्स एंड गायनी विभाग की प्रो. सौम्या सिंह ने उपस्थित लोगों को अंगदान की शपथ दिलाई। वहीं, प्रो. संतोष कुमार ने बताया कि जागरूकता और सही जानकारी के माध्यम से ट्रांसप्लांट के लिए डोनर्स की संख्या बढ़ाई जा सकती है।