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एनपीएस व यूपीएस के खिलाफ कर्मचारियों ने निकाला ‘आक्रोश मार्च’, कहा- हमें मिले ओपीएस

विकास भवन से हजारों कर्मचारियों ने निकाला “आक्रोश मार्च”, बाइक लेकर निकले हजारों कर्मचारी

रायबरेली। यूपीएस, एनपीएस गो बैक-गो बैक, हमारी बस एक ही मांग, हमें मिले पुराना सम्मान, सरकार हमारी मांग पूरी करो, पुरानी पेंशन लागू करो … जैसे नारों के बीच में गुरुवार को हजारों कर्मचारी अपना सम्मान पुरानी पेंशन सरकार से मांगने के लिए सड़क पर निकले।

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) व ऑल टीचर्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के आवाह्न पर कर्मचारियों, शिक्षकों ने एनपीएस और यूपीएस योजना का विरोध किया गया, साथ ही पुरानी पेंशन की मांग को लेकर बाइक रैली निकाली।

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काली पट्टी बांधकर विरोध जता चुके कर्मचारी गुरुवार को “आक्रोश मार्च” निकाला। यूपीएस के विरोध में और पुरानी पेंशन की मांग को लेकर अटेवा के बैनर तले एकत्रित होकर विकास भवन से हजारों कर्मचारी अपनी बाइकों से “आक्रोश मार्च” के लिए निकले।

विकास भवन से एकत्रित होकर “आक्रोश मार्च” के लिए निकले कर्मचारी डिग्री कॉलेज चौराहा, कैनाल रोड, पुलिस लाइंस चौराहा, जेल रोड, सीएमओ दफ्तर, नेहरू नगर चौराहा, राना बेनी माधव स्मारक चौराहा होते हुए कलेक्ट्रट परिसर आए। कलेक्ट्रेट में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया।

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जिला संयोजक इरफान अहमद ने बताया कि इस “आक्रोश मार्च” में डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर, माध्यमिक और परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षक, अस्पताल के कर्मचारी, नर्सेज, लेखपाल से लेकर हमारे चुतुर्थ श्रेणी और सफाई कर्मचारी तक ने प्रतिभाग करके यूपीएस और एनपीएस के खिलाफ नाराजगी जताई। कर्मचारियों की एक ही मांग है कि हम लोगों को सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन स्कीम को एक बार फिर से लागू किया जाए।

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जिला महामंत्री राजकुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार की तरफ से यूपीएस के सुधारों को लेकर भी कोई चर्चा नहीं की जा रही है, इसकी वजह से कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सरकार पुरानी पेंशन बहाल न करके अब न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह पर यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) लागू करने जा रही है। सरकार की यह पेंशन स्कीम बिल्कुल ही कर्मचारियों के हित में नहीं है।

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जिला संरक्षक राजेश यादव और सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि अटेवा व अन्य संगठनों के बैनर तले कर्मचारियों ने अपने ही कार्यस्थल पर हाथ में काली पट्टी बांधकर नई पेंशन व्यवस्था यूपीएस का विरोध 2 से 6 सितंबर तक किया गया था। कर्मचारियों ने सरकार से पेंशन स्कीम पर विचार करने का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार ने बिल्कुल ही गौर नहीं किया है। एनपीएस के तहत वर्तमान में कर्मचारी महज 800, 1200 और 2800 रुपये पेंशन के रूप में पा रहे हैं।।

जिला कोषाध्यक्ष अंजनी मौर्य व जिला संरक्षक सरला वर्मा ने कहा कि यूपीएस एक छलावा मात्र है भले इसमें सरकार अपना अंशदान 14 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर रही हैं लेकिन सेवानिवृत्त पश्चात आपके द्वारा किया गया अंशदान भी आपको नहीं मिलेगा। हम लोग इसी का विरोध कर रहे हैं और हम अपनी बुढ़ापे की लाठी यानि पुरानी पेंशन स्किम की मांग सरकार ने अनवरत कर रहे हैं।

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“आक्रोश मार्च” व बाइक रैली का संचालन प्रकाश यादव, डा0 आशीष पटेल, मो0 नसीम, सर्वेश पटेल ने किया।

“आक्रोश मार्च” व बाइक रैली में जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव, सियाराम सोनकर, शिवशरण सिंह, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, वेद प्रकाश, बृजेंद्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव, महामंत्री शैलेष यादव, टीएससीटी के संयोजक अनुराग मिश्रा, महिला शिक्षक संगठन से सरिता नागेन्द्र, महेंद्र बाजपेई, चिकित्सा के विभिन्न संगठन से संजय मदेशिया, सुरेश चौधरी, शशिबाला सिंह, सफाई कर्मचारी संघ से जितेंद्र कुमार, रामबरन यादव, शिक्षक हनी गुलाटी, मधु पाल, ममता यादव, कंचन सिंह, आशा सिंह, प्रमिला पाण्डेय, महेश कुमार, शीतांशु सोनकर, मंयक वर्मा, अनवर अली, अमित बाजपई, आशुतोष कुमार, विक्रम चौहान, राहुल सिंह, प्रदीप शुक्ला, अनिल यादव, राजेश मौर्य, सुनील मिश्रा, राम प्रताप, पंकज, प्रकाश चंद्र यादव, राजेंद्र यादव, इंद्रसेन यादव, योगेंद्र गुप्ता, सतीश चौरसिया, गनेश, अश्वनी कनौजिया, अविनाश यादव, चंद्रकांत त्रिपाठी, घनश्याम सहित हजारों कर्मचारी मौजूद रहे।

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