UPPCL : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार करने वाले इंजीनियरों का एक दिन का वेतन कटेगा

Lucknow: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) में निजीकरण (Pritization) के खिलाफ जारी अभियंताओं के आंदोलन ने अब प्रशासनिक टकराव का रूप ले लिया है। निजीकरण (Pritization) का विरोध करते हुए 87 अभियंताओं द्वारा चेयरमैन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार करना महंगा पड़ा है।
पावर कारपोरेशन (UPPCL) के चेयरमैन आशीष गोयल ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए सभी अभियंताओं को आरोप पत्र जारी कर एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सभी ऊर्जा निगमों को निर्देश दिए गए हैं कि इन अभियंताओं पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
दो जून को समीक्षा बैठक करते हुए चेयरमैन आशीष गोयल ने कहा कि था कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार करना बिजली आपूर्ति में व्यवधान डालने के समान है। उन्होंने सभी इंजीनियरों को चेतावनी दी कि ऐसा न करें यह उचित व्यवहार नहीं है। अध्यक्ष पावर कारपोरेशन के समझाने के बाद भी 87 इंजीनियर नहीं माने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विरोध करते हुए उसमें शामिल होने से इनकार कर दिया।
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नतीजा अध्यक्ष ने इस अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई करने का फैसला लिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार करने वाले सभी 87 इंजीनियरों की सूची तैयार कर ली गई है। चेयरमैन ने सूची को देखने के बाद आरोपी अभियंताओं को आरोप पत्र जारी करते हुए एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। अध्यक्ष ने ऊर्जा निगमों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए हैं कि इन आरोपी अभियंताओं पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
प्रबंधन का मानना है कि इस कार्रवाई से निजीकरण के विरोध में चल रहा आंदोलन कमजोर होगा। दूसरी ओर इस कार्रवाई से अभियंताओं में नाराजगी बढ़ी है। कर्मचारी संगठन अब निजीकरण के विरोध में आंदोलन और तेज करने की योजना बना रहे हैं। संगठनों का कहना है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे और निजीकरण के फैसले का पुरजोर विरोध करेंगे।
टकराव की स्थिति पैदा कर रहा प्रबंधन
संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि प्रबंधन निजीकरण के विरोध में चल रहे शांतिपूर्ण आन्दोलन का दमन करने के लिए अभियंताओं पर उत्पीडऩात्मक कार्रवाई कर रहा है। प्रदेश में औद्योगिक अशांति का माहौल बनाया जा रहा है। समीक्षा के नाम पर कारपोरेशन में जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होती है उसमें इंजीनियरों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जाता है।
कॉरपोरेशन अध्यक्ष अभियंताओं का अपमान करके टकराव की स्थिति पैदा कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने यह आरोप भी लगाया कि पूर्वांचल निगम के प्रबंध निदेशक ने अभियंताओं को दंडित करने की नियत से कई तबादले किए हैं।