
Lucknow: नकली दवा कारोबार के खिलाफ अभियान चलाकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (FSDA) ने 30 करोड़ 77 लाख रुपये की नकली दवाएं जब्त की हैं। नकली दवाओं के साथ-साथ ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, नारकोटिक्स औषधियां और नकली कॉस्मेटिक उत्पाद भी जब्त किये गए।
एफएसडीए ने नकली दवा काराबारियों और दवा बनाने वाले कम्पनियों के खिलाफ कई जिलों में कार्रवाई की।
अभियान में 1039 जगह छापेमारी करके करीब 13,848 नमूने संकलित किए। नकली दवा के कारोबार में 1166 दवा व्यवसाइयों के लाइसेंस निरस्त करते हुए 68 लोगों को गिरफ्तार किया गया। फर्जी तरीके से दवा बनाने के मामले में 6 फार्मा कम्पनी और 5 ब्लड बैंकों के लाइसेंस भी रद्द किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2024-25 में 463 दवा निर्माण इकाइयों, 647 ब्लड बैंकों और 10,462 विक्रय प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। राज्य में 1039 छापेमारी अभियान चलाए गए, जिनमें 13,848 सैम्पल लिए गए। परीक्षण में 96 नमूने नकली और 497 अधोमानक पाए गए। इसके चलते नकली दवा के कारोबार में संलिप्त पाये गये 1166 दवा कारोबारियों के लाइसेंस निरस्त किए गये, 68 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। छह दवा निर्माण इकाइयों और 5 ब्लड बैंकों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं साथ ही लगभग 30 करोड़ 77 लाख रूपये की नकली दवाएं जब्त की गईं।
सबसे अधिक कार्रवाइयां लखनऊ, आगरा व गाजियाबाद में की गईं। राजधानी लखनऊ में एसटीएफ के सहयोग से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन और नकली दवाओं के खिलाफ कई जगह छापेमारी की गई। आगरा में 5 नवंबर 2024 को 1.36 करोड़ रुपये की नकली दवाएं और गाजियाबाद में 6 फरवरी 2025 को 0.9 करोड़ रुपये की नारकोटिक्स औषधियां जब्त की गईं। बरेली में अप्रैल 2025 में 0.5 करोड़ रुपये के नकली कॉस्मेटिक उत्पाद जब्त किए गए। आयुर्वेदिक दवाओं की आड़ में एलोपथिक दवाओं के अपमिश्रण के मामले में कार्रवाई की गई, जिसमें 14 संदिग्ध नमूनों की जांच जारी है।